अपराध शाखा पुलिस ने लड़की बन अश्लील फिल्म बनाकर ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश कर दो बदमाशों को सुभाष चौक, गुरुग्राम से गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान राजस्थान स्थित भरतपुर निवासी समयदीन (28) और अलवर निवासी मुनफेड (26) के रूप में हुई।
आरोपियों के 14 बैंक खातों का पता चला है। एक बैंक खाते की डिटेल खंगालने से पता लगा कि आरोपी 200 से ज्यादा लोगों से ठगी कर चुके हैं। अन्य बैंक खातों की डिटेल खंगालने पर पीड़ितों की संख्या लगभग हजार में भी हो सकती है। पुलिस ने दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी पर दस-दस हजार रुपये का इनाम रखा हुआ था।
संयुक्त पुलिस आयुक्त धीरज कुमार के अनुसार, अपराध शाखा टीम ने अश्लील फिल्म बनाकर ठगी करने वाले हरियाणा स्थित नूंह निवासी नखरुद्दीन (42) को 17 जुलाई 2021 को गिरफ्तार किया था। इससे पूछताछ के बाद नूंह निवासी जाहिद (20), निशांत (30) और राजस्थान के अलवर निवासी आदित्य (19) को 22 जुलाई 2021 को गिरफ्तार किया था। चारों आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि गिरोह का सरगना समयदीन और मुनफेड है। शुरुआती जांच में पता चला कि गिरोह 200 से ज्यादा लोगों के साथ ठगी कर चुका है।
गिरोह के 14 बैंक खातों का पता लगा है। इन बैंक खातों में 22 लाख से ज्यादा की रकम ट्रांसफर की गई है। शाखा की आईजीआईएस में तैनात इंस्पेक्टर अनिल शर्मा की टीम को सूचना मिली थी कि समयदीन और मुनफेड गुरुग्राम आने वाले हैं। पुलिस टीम ने घेराबंदी कर भरतपुर, राजस्थान निवासी समयदीन (28) और अलवर निवासी मुनफेड (26) को सुभाष चौक, गुरुग्राम से मंगलवार रात को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने दोनों आरोपियों को दो दिन की रिमांड पर लिया है।
गिरोह में 15 से ज्यादा बदमाश सक्रिय
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, जांच में पता लगा है कि अश्लील फिल्म बनाकर ठगी करने वाले इस गिरोह में 15 से ज्यादा बदमाश हैं। इस गिरोह के छह आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। आरोपी मुनफेड गिरोह में दो वर्ष पहले शामिल हुआ था। पुलिस का कहना है कि अन्य बदमाश जल्द गिरफ्त में होंगे।
व्हाट्स एप कॉल कर करते थे रिकॉर्डिंग
आरोपी लड़की के नाम से फेसबुक पर आईडी बनाते थे। फिर लोगों से दोस्ती करते थे। दोस्ती होते ही ये पीड़ितों के व्हाट्स एप नंबर शेयर कर लेते थे। इसके बाद पीड़ित से लड़की की आवाज में बात करते थे। लड़की की आवाज निकालने के लिए चाइनीज हैंड सेट का इस्तेमाल करते थे। इसके बाद पीड़ित को व्हाट्स एप कॉल कर अश्लील बातें करते थे। अश्लील फिल्में भी दिखाते थे। इसके बाद पीड़ित के कपड़े उतरवा लेते थे। इसके बाद स्क्रीन रिकार्डिंग एप से रिकार्डिंग कर लेते थे। फिर पीड़ित से कहते थे कि उसकी अश्लील वीडियो बन गई है और उसे मोटी रकम देनी होगी, नहीं तो सोशल मीडिया पर शेयर कर देंगे। मजबूरी में पीड़ित इनको पैसे दे देता था।