केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते हुए किसानों के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं। वित्त मंत्री की ओर से खेती और किसानों के लिए किए गए बड़े ऐलानों को यूपी चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है। केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर एक साल तक चले आंदोलन की वजह से किसानों की नाराजगी को दूर करने का प्रयास करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि अगले वित्त वर्ष में किसानों के खाते में 2.37 लाख करोड़ रुपए डीबीटी के माध्यम से दिए जाएंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि गंगा नदी के किनारे जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। गंगा नदी के पांच किमी चौड़े कोरिडोर्स की कृषि भूमि पर पहले चरण में विशेष ध्यान दिया जाएगा। किसानों के समावेशी विकास को सरकार की प्राथमिकता बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में 1000 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की जाएगी, जिससे 1 करोड़ से अधिक किसानों को फायदा होगा।
खेती-किसानी में टेक्नॉली के इस्तेमाल के लिए ‘किसान ड्रोन’ की घोषणा की गई है। इसके तहत फसल मूल्यांकन, भूमि रिकॉर्ड, कीटनाशकों के छिड़काव आदि के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं और धान की खरीद के लिए 2.37 लाख करोड़ रुपए भुगतान करेगी। साल 2023 मोटा अनाज वर्ष घोषित किया गया है। तिलहन उत्पादन बढ़ाने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए योजना लाई जाएगी।
क्या कम होगी किसानों की नाराजगी?
किसानों को ध्यान में रखकर किए गए ऐलानों को यूपी चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार की ओर से उत्तराखंड, यूपी सहित पांच राज्यों में किसानों की नाराजगी दूर करने का प्रयास किया गया है। हालांकि, किसान बजट से कितना खुश हैं यह तो 10 मार्च को चुनावी नतीजे ही बताएंगे।