चीन की चोरी का पर्दाफाश हो चुका है। खुद को बेहद शक्तिशाली और संपन्न बताने वाले चीन को लेकर खुलासा हुआ है कि वो सूचना-तकनीक, नई खोज और कंपनियों के डेटा चुरा रहा है। इस बात का खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि खुद FBI डायरेक्टर ने ड्रैगन की चोरी पकड़ने के बाद किया है। अमेरिकी जांच एजेंसी के निदेशक क्रिस्टोफोर रे ने कहा कि चीन, यूनाइटेड स्टेटस के लिए आर्थिक सुरक्षा और आविष्कार के क्षेत्र में सबसे बड़ा खतरा बन चुका है। क्रिस्फोटफर रे ने कहा कि चीन सैकड़ों यूएस कंपनियों का डेटा चुरा रहा है।
चीन बन गया है आर्थिक सुरक्षा के लिए खतरा
सोमवार को Ronald Reagan Presidential Library में एक भाषण के दौरान क्रिस्टोफर रे ने कहा, ‘जब हमने मिलान किया तब हमने अपनी जांच में पाया कि चीन सरकार पर केंद्रीत 2,000 से ज्यादा ऐसी चीजें हैं जो हमारी सूचना-तकनीक को चुराने का प्रयास कर रही हैं। हमारी नई खोज, आविष्कार और आर्थिक सुरक्षा को अन्य किसी भी देश से इतना खतरा नहीं है।’ रे ने कहा कि चीनी सरकार ने हैरान कर देने वाली मात्रा में सूचनाएं चुराईं। इसकी वजह से उद्योग जगत में कई नौकरियां बर्बाद हो गईं। उन्होंने यह भी बताया कि ब्यूरो उनक इंटेलिजेंस ऑपरेशन को काउंटर करने के लिए नए केस खोल रहा है।
FBI निदेशक ने उदाहरण देकर समझाई अपनी बात
एफबीआई निदेशक के मुताबिक सिर्फ सुचनाएं चुरा कर ही चीन अंतरराष्ट्रीय कानूनों को नहीं तोड़ रहा बल्कि कई अन्य तरीकों से भी वो इन कानूनों का उल्लंघन कर रहा है। रे के मुताबिक चीनी सरकार यूएस के लोगों को अपनी निजी और राजनीतिक वजहों से भी निशाना बना रहा है।रे ने एक उदाहरण देते हुए अपनी बात को समझाने की कोशिश की है।
उन्होंने बताया कि उदाहरण के तौर पर हम ‘Fox Hunt’ कार्यक्रम को ले सकते हैं। जिसे लेकर राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने साल 2014 में दावा किया था कि इस कार्यकर्म का उद्देश्य भ्रष्टाचार को उजागर करना था। लेकिन सच्चाई यह है कि इसके जरिए उन पूर्व चीनी नागरिकों को टारगेट और उन्हें कैप्चर किया गया जो बाहर रहते हैं। यह बताता है कि यह एक राजनीतिक या आर्थिक खतरा है।
उन्होंने कहा कि पिछले 8 सालों में चीनी सरकार ने दुनिया भर में 9,000 से ज्यादा चीनी नागरिकों को वापस चीन लाया ताकि इन्हें कैद किया जा सके या फिर नियंत्रित किया जा सके। जिन लोगों को यूएस कानून के मुताबिक सुरक्षा मिली हुई है उन्हें चीन निशाना बना रहा है। चीन ज्यादातर ग्रीन कार्ड धारकों और विशेष अधिकार प्राप्त नागरिकों को निशाना बना रहा है। एफबीआई निदेशक ने साफ किया है कि उन्होंने चीनी सरकार और चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी को खतरा बताया है चीनी नागरिकों को नहीं।