कार ड्राइव करते हुए एक युवक को अचानक दिल का दौरा पड़ गया। कार अनियंत्रित होकर दीवार से टकरा गई। इस हादसे में युवक की मौत हो गई। घटना चित्तौड़गढ़ शहर की बताई जा रही है। युवक अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ भांजा-भांजी की शादी में शामिल होकर घर लौट रहे थे।
दीवार से टकरा गई कार
जानकारी के मुताबिक 42 वर्षीय राजेंद्र पुरी राजस्थान परमाणु बिजलीघर के कर्मचारी हैं। वह धुलई गांव में परिवार के साथ शादी में गए थे। सुबह अपनी ही कार से घर लौट रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक रावतभाटा-रामगंजमंडी मार्ग पर उनकी कार हादसे का शिकार हो गई। कार ड्राइव करते वक्त दीपपुरा घाटे पर अचानक राजेंद्र को हार्ट अटैक आ गया। पत्नी कुछ समझ पाती कार अनियंत्रित होकर सामने दीवार से जा टकराई। मौके पर ही राजेंद्र पुरी की मौत हो गई। पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। सूचना पर परिवार के लोग मौके पर पहुंचे और राजेंद्र को रेफरल हॉस्पिटल लेकर गए। डॉक्टर अनिल जाटव ने बताया कि मौत हार्ट अटैक से हुई है। इंटरनल इंजरी की भी संभावना है। खबर सुनकर परमाणु बिजली घर के मान्यता प्राप्त यूनियन के अध्यक्ष रजनीश चौधरी, बीएफ बृजेश पंत, विजय मेवाड़ा और परमाणु बिजली घर के हेड एचआर राजीव दुधे भी मौके पर पहुंचे
काश, भांजी के कहने पर रुक गए होते
बहन की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने से राजेंद्र पुरी ने ही अपने भांजे और भांजी की शादी में पैसा खर्च किया था। कन्यादान भी राजेंद्र ने ही किया था। वह भांजी से बहुत प्यार करते थे, इसलिए विदाई नहीं देख पा रहे थे। भांजी ने रोते हुए कई बार मामा को रुकने के लिए कहा था, लेकिन वह इतना कहकर निकल गए कि विदाई देख नहीं पाऊंगा।
दुल्हन की विदाई रुकी, पहले अर्थी उठी
सोमवार सुबह दुल्हन की धुलई गांव में विदाई का कार्यक्रम था। इस बीच इस खबर ने पूरे परिवार को हिला कर रख दिया। एक बार तो विदाई भी रुक गई। पूरा परिवार रावतभाटा आ गया। अब उसी घर से राजेन्द्र की अर्थी उठी। राजेन्द्र की दोनों किडनी फेल हो चुकी थी। वह हर महीने डायलिसिस ले रहे थे। 1 साल पहले ही उनकी मां ने अपने बेटे को किडनी दान कर उसकी जान बचाई थी।