Uttarakhand Election 2022: विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस के जिन बड़े नेताओं पर चुनाव के दौरान पार्टी के प्रत्याशियों के पक्ष में माहौल बनाने की जिम्मेदारी थी, वो खुद अपने-अपने क्षेत्र में उलझकर रह गए हैं। प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल श्रीनगर सीट से नहीं निकल पा रहे हैं। तो बाकी चारों कार्यकारी अध्यक्षों के पास भी अपनी विधानसभा क्षेत्र से बाहर निकलने का समय नहीं है। चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत भी ज्यादा वक्त लालकुआं सीट पर ही गुजार रहे हैं।
हालांकि रावत सोशल मीडिया के जरिए लगातार सक्रिय हैं। प्रत्याशी चयन प्रक्रिया से पहले तक हरीश रावत, गोदियाल और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने ताबड़तोड़ रैली-जनसभाओं के जरिए चुनाव प्रचार अभियान को चरम पर पहुंचा दिया था। पर, मतदान का वक्त ज्यों ज्यों करीब आ रहा है, सभी शीर्ष नेता अपनी-अपनी सीट पर सिमट गए हैं। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम पिछले काफी समय से चकराता में अपना किला मजबूत कर रहे हैं। हालांकि बीच में कुछ समय उन्होंने विकासनगर, सहसपुर और कैंट को भी दिया है।
हरीश रावत लालकुआं में फंसे
रामनगर सीट पर विवाद होने पर रावत को लालकुआं शिफ्ट होना पड़ा तो अब उनका वक्त भी वहीं गुजर रहा है। गोदियाल श्रीनगर के रण में मशरूफ हैं। दूसरी तरफ कार्यकारी अध्यक्ष भुवन कापड़ी खटीमा, रणजीत रावत सल्ट, तिलकराज बेहड़ किच्छा और प्रो. जीतराम थराली में पसीना बहा रहे हैं। एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि प्रदेश संगठन के शीर्ष नेताओं से अपेक्षा होती है कि वो अपने साथ-साथ दूसरे उम्मीदवारों की मजबूती के लिए काम करें। पर, वर्तमान हालात में सभी नेता अपनी अपनी सीट पर ही उलझे हैं। पार्टी को इस स्थिति से उबरने के लिए ठोस रणनीति पर काम करना होगा।
सभी उम्मीदवार सक्षम
प्रदेश महामंत्री-संगठन मथुरादत्त जोशी का कहना है कि कांग्रेस के सभी उम्मीदवार सक्षम है। अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, कार्यकारी अध्यक्षों पर अपनी सीट की भी जिम्मेदारी है। लेकिन वो भी प्रयास करेंगे कि अपनी आसपास सीट पर प्रचार अभियान को तेज करें। चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत प्रदेश के सर्वमान्य नेता हैं। लालकुआं की जनता ने उन्हें आशीर्वाद दे दिया है। वो जल्द ही प्रदेश भर में दोबारा से अभियान शुरू करने जा रहे हैं।