उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव 2022 के लिए चुनाव आयोग ने नई गाइडलाइन जारी की है। चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनावों में एक हजार लोगों की अधिकतम क्षमता वाली रैलियों को इजाजत दे दी है। इससे राज्य के राजनैतिक दलों और निर्दलीय प्रत्याशियों को प्रचार के लिए कुछ हद तक राहत मिल गई है। हालांकि बड़ी रैलियों पर 11 फरवरी तक रोक जारी रहेगी।
चुनाव आयोग की ओर से चुनावी रैलियों के संदर्भ में सोमवार को नए सिरे से गाइडलाइन जारी की गई। जिसमें एक हजार लोगों तक की रैली की इजाजत के साथ ही इनडोर आयोजनों में 500 लोगों की अधिकतम भीड़ एकत्र करने और डोर-टू-डोर कैंपेन के लिए बीस लोगों को शामिल करने की छूट दी गई है। दरअसल उत्तराखंड सहित पांच राज्यों में चुनाव तारीखों के एलान के साथ ही चुनाव आयोग ने रैलियों पर रोक लगा दी थी।
कुछ दिन पूर्व जारी गाइडाइन में प्रचार के लिए छोटी रैलियों की इजाजत दी गई थी लेकिन उसमें अधिकतम पांच सौ लोगों के ही एकत्र होने की छूट थी। रैलियों में पांच सौ तक लोगों को एकत्र करने की छूट का लाभ राज्य में एक फरवरी से मिलना था। लेकिन अब इसमें बदलाव करते हुए चुनाव आयोग ने एक फरवरी से रैलियों में एक हजार तक लोगों को एकत्र करने की छूट दे दी है।
मंगलवार से जोर पकड़ेगा प्रचार
राज्य में विधानसभा चुनावों के लिए सोमवार को नामांकन वापसी का दिन तय था और अब प्रत्याशियों पर स्थिति साफ हो गई है। इसके बाद अब मंगलवार से प्रचार अभियान तेज होना है। ऐसे में चुनाव आयोग की नई गाइडलाइन से राजनैतिक दलों और निदर्लीय प्रत्याशियों को राहत मिल गई है। राज्य में भाजपा, कांग्रेस के साथ ही सभी दलों की ओर से अब प्रचार अभियान को तेज किया जाना है। सोमवार को जारी गाइडलाइन के अनुसार मंगलवार से डोर टु डोर कैंपेन में अब 10 की जगह 20 लोगों को शामिल किया जा सकेगा। जबकि इनडोर बैठक में 300 की जगह 500 लोग शामिल हो सकते हैं।