जिस तरह उत्तर प्रदेश के कैराना में मुस्लिम समुदाय के लोगों के डर से हिंदू परिवारों का पलायन होने लगा था वैसे ही परिस्थितियां मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के सुराणा गांव में बनी थीं। ग्रामीणों ने गांव से पलायन के लिए मकान बेचने की सूचनाएं अपने घरों पर लिखीं तो सोशल मीडिया पर एमपी का सुराणा बनेगा यूपी का कैराना जैसी पोस्ट वायरल हुईं तो प्रशासन हरकत में आया था। अब दस दिन बाद शासन ने जिले के पुलिस कप्तान का तबादला कर दिया है।
मध्य प्रदेश शासन ने आज आईपीएस अधिकारियों के तबादला आदेश जारी किए हैं जिसकी वजह रतलाम एसपी गौरव तिवारी को जिले में पैदा हुई पलायन की स्थिति और मुरैना एसपी ललित शाक्यवार के प्रमोशन से रिक्त एसपी मुरैना पद को भरा जाना था। रतलाम एसपी तिवारी को हटाकर वहां बालाघाट के एसपी 2013 बैच के आईपीएस अधिकारी अभिषेक तिवारी की पदस्थापना की गई है। वहीं, बालाघाट में उनकी जगह बालाघाट हॉकफोर्स में एसपी 2016 बैच के आईपीएस अधिकारी समीर सौरभ की पदस्थापना की है तो मुरैना में एसपी के रूप में 17वीं वाहिनी के सेनानी 2015 बैच के आईपीएस आशुतोष बागरी को पदस्थ किया है। पीएचक्यू में एआईजी मुकेश कुमार श्रीवास्तव को सीधी एसपी बनाया है। वहीं, प्रमोशन के बाद ललित शाक्यवार को पीएचक्यू में पदस्थ किया है।
रतलाम एसपी पर क्यों गिरी गाज
2010 बैच के आईपीएस अधिकारी गौरव तिवारी पर रतलाम जिले के सुराणा गांव के ग्रामीणों ने मुस्लिम समुदाय के लोगों के धमकियां देने की शिकायत को नजरअंदाज किए जाने और उलटा उनके खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करने के आरोप लगाए थे। इसके बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि सुराणा को कैराना नहीं बनने देंगे।
गौरव तिवारी पहले भी चर्चा में रहे
उल्लेखनीय है कि गौरव तिवारी कटनी में हवाला कांड को उजागर करने के बाद चर्चा में आए थे और उन्हें तब वहां से हटा दिया गया था। कटनी के सिंघम के नाम से उनकी तब चर्चा हुई थी। इसके बाद वे छिंदवाड़ा से जब देवास भेजे गए थे तब छिंदवाड़ा में उन्हें लोगों ने रोते हुए विदाई दी थी जिसके वीडियो वायरल हुए थे। हालांकि देवास एसपी का उनका तबादला आदेश कुछ दिन में ही संशोधित कर दिया गया था और वे रतलाम एसपी बनाए गए थे। उन्हें वहां करीब साढ़े तीन साल हो चुका था। मगर सुराणा गांव की घटना के बाद ग्रामीणों ने उनके खिलाफ अभद्रता के आरोप लगाए थे जिससे उनके खिलाफ कार्रवाई निश्चित मानी जा रही थी।