दिल्ली के जिम मालिक और उनके एक संगठन के सदस्य शनिवार को दिल्ली के उपराज्यपाल कार्यालय के पास प्रदर्शन करेंगे और कोविड संबंधी पाबंदियों के तहत करीब एक महीने से बंद अपने प्रतिष्ठानों को पुन: खोलने की अनुमति देने की मांग करेंगे।
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने गुरुवार को दिल्ली में वीकेंड कर्फ्यू हटा दिया था और बार-रेस्तरां तथा सिनेमाघरों को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने की इजाजत दे दी थी। हालांकि, राजधानी में जिम और स्कूल अभी नहीं खुले हैं।
प्राधिकरण ने पिछले साल दिसंबर में ‘येलो अलर्ट’ के तहत प्रतिबंध लगाए थे। उस समय राजधानी में कोविड संक्रमण दर 0.5 प्रतिशत से अधिक हो गई थी। दिल्ली जिम संघ के उपाध्यक्ष चिराग सेठी ने कहा कि कोविड महामारी की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान जिम मालिकों को उठाना पड़ा है और उन्हें अपने प्रतिष्ठान खोलने देने की अनुमति मिलनी चाहिए।
उन्होंने दावा किया कि सबसे पहले जिम ही बंद किए जाते हैं और खोले भी सबसे आखिर में जाते हैं। सेठी ने कहा कि कल जिम और स्पा को छोड़कर सब कुछ फिर से खोलने की अनुमति दे दी गई। उन्होंने कहा कि इस पक्षपातपूर्ण फैसले के विरोध में हम उपराज्यपाल कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करेंगे। हम चाहते हैं कि अधिकारी डीडीएमए की अगली बैठक में हमें कामकाज करने की और हमारे प्रतिष्ठान खोलने देने की अनुमति दें।
सेठी ने कहा कि जिम बिरादरी डीडीएमए के फिटनेस सेंटरों को बंद रखने के फैसले की आलोचना करती है, जिससे 1 लाख से अधिक लोगों की आजीविका प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि शहर में शराब की दुकानें और साप्ताहिक बाजार भी खुले हैं, लेकिन जिम को बंद रखने को कहा गया है। सेठी ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकार के इस फैसले से पता चलता है कि स्वास्थ्य कभी प्राथमिकता नहीं होती है। अगर डीडीएमए नहीं चाहता कि लोग स्वस्थ रहें, तो कृपया हमें बताएं और हम शराब की दुकानें भी खोलेंगे। यह वास्तव में दिल्ली के फिटनेस उद्योग के लिए अनुचित है।
उन्होंने कहा कि जिम मालिकों के पास अपनी आवाज बुलंद करने के लिए सड़कों पर उतरने और विरोध करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। दिल्ली में करीब 5,500 जिम हैं और 1 लाख से ज्यादा लोग इस इंडस्ट्री पर निर्भर हैं। जिम और स्पा के मालिक प्रदीप त्यागी ने कहा कि फिटनेस सेंटर सभी कोविड मानदंडों का पालन करते हैं, लेकिन फिर भी वे बंद हैं, जबकि साप्ताहिक बाजारों में भीड़ को रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
त्यागी ने कहा कि ऐसी जगहों पर लोग शायद ही किसी मानदंड का पालन करते हैं, लेकिन अधिकारी इसकी परवाह नहीं करते हैं। हमारे ग्राहक और कर्मचारी पूरी तरह से टीकाकरण करा चुके हैं और सभी मानदंडों का पालन करते हैं, लेकिन फिर भी हमारे प्रतिष्ठान बंद हैं। हम अधिकारियों से अनुरोध करते हैं कि वे हमारे प्रतिष्ठानों को भी काम करने दें।