दिल्ली में कोरोना वायरस की रफ्तार धीमी हो गई है। ऐसे में गुरुवार को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) जारी प्रतिबंधों में ढील देने पर चर्चा करने को लेकर आज बैठक करेगा। राजधानी में 12 दिनों के अंदर कोविड-19 के मामलो में 50 प्रतिशत की कमी आई है। इससे पहले 13 जनवरी को जब कोरोना पीक पर था तब 94,160 मरीज मिले थे।
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सक्रिय मामलों को आधे से कम होने में 21 दिन का समय लगा था। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि सरकार स्कूलों को फिर से खोलने की सिफारिश करेगी क्योंकि अत्यधिक सावधानी अब छात्रों को नुकसान पहुंचा रही है। सिसोदिया ने आगे कहा कि चूंकि कोविड केस और संक्रमण दर में गिरावट आ रही है ऐसे में बच्चों को स्कूलों से दूर रखना सही नहीं होगा।
दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘कोविड के दौरान हमारी प्राथमिकता बच्चो की सुरक्षा है। लेकिन विभिन्न शोधों में पाया गया है कि कोविड बच्चों के लिए इतना हानिकारक नहीं है, इसलिए स्कूलों को फिर से खोलना महत्वपूर्ण है, क्योंकि अब परीक्षा और उससे संबंधित तैयारियों का समय है।’
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में आज होने वाली डीडीएमए की बैठक में स्कूलों को फिर से खोलने पर आज चर्चा होगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इस बैठक में हिस्सा ले सकते हैं। बैठक दोपहर को 12.30 बजे होगी। इससे पहले पिछले हफ्ते सीएम केजरीवाल ने वीकेंड कर्फ्यू सहित अन्य प्रतिबंधों में ढील देने का प्रस्ताव उपराज्यपाल बैजल को दिया था जिसे उन्होंने खारिज कर दिया था।
उन्होंने वायरस की स्थिति में और सुधार होने तक यथास्थिति बरकरार रखने का सुझाव दिया था। हालांकि, उपराज्यपाल ने निजी कार्यालयों को 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ काम करने की अनुमति देने के सरकार के प्रस्ताव पर सहमति जताई थी। इसी बीच, व्यापारी प्रतिबंधों का विरोध कर रहे हैं और उनकी मांग है कि गैरजरूरी दुकानों पर लागू सम-विषम प्रणाली सहित प्रतिबंध हटा दिए जाएं। बुधवार को दिल्ली में कोविड के 7,498 नए मामले सामने आए। इसके साथ ही संक्रमण दर 10.6 प्रतिशत के लगभग है।