आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद के गोरखपुर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद सियासत गर्मा गई है। सपा से मनमुताबिक टिकट न मिलने के बाद अपनी राह अलग कर चुके चंद्रशेखर आजाद ने अखिलेश यादव पर जमकर कटाक्ष किए। सपा खेमे में हुई सेंधमारी को लेकर चंद्रशेखर आजाद ने सपा अध्यक्ष पर जमकर निशाना साधा। सपा के खिलाफ बगावत पर उतरे चंद्रशेखर आजाद ने कहा, अखिलेश यादव न अपना घर संभाल पा रहे हैं और न ही पार्टी। सपा में रहकर अब लोगों को घुटन महसूस हो रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 22 प्वाइंट पर घोषणा पत्र तैयार कर चुके चंद्रशेखर आजाद ने भी छोटे-छोटे दलों के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इस दौरान चंद्रशेखर आजाद ने मेरठ में समाजवादी पार्टी के पूर्व राज्यमंत्री मुकेश सिद्धार्थ को आजाद पार्टी भी ज्वाइन कराई, साथ ही उन्होंने उनके बेटे को हस्तिनापुर से प्रत्याशी भी घोषित कर दिया है।
2015 में भीम आर्मी का हुआ था गठन
भीम आर्मी गागलहेड़ी थाने के गांव घडकोली में हुए प्रकरण के बाद पहली बार सुर्खियों में आई थी। इसके बाद पांच मई 2017 को शब्बीरपुर में अनुसूचित समाज के लोगों और राजपूतों में संघर्ष हो गया था। तब अनुसूचित समाज के कथित तौर पर 25 घरों को जलाने और एक युवक की मौत के बाद नौ मई को रामनगर में की जा रही भीम आर्मी की महापंचायत की अनुमति नहीं मिलने पर हिंसक झड़प हो गई थी। इसमें भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर को रासुका में निरुद्ध किया गया था। जेल जाने पर चंद्रशेखर 15 माह बाद 12 सितंबर 2018 को रिहा हुए थे। भीम आर्मी का गठन 21 जुलाई 2015 को हुआ था। इसके बाद चंद्रशेखर ने आजाद समाज पार्टी का गठन 14 अप्रैल 2020 को किया था। फिलहाल आजाद समाज पार्टी के उत्तर प्रदेश में पांच लाख कार्यकर्ता है।
इनके खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारेंगे चंद्रशेखर
यूपी चुनाव में चंद्रशेखर आजाद कुछ कुछ लोगों के सामने अपने उम्मीदवार नहीं उतारेंगे। इनमें प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी प्रमुख ओम प्रकाश राजभर, राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख जयंत चौधरी और बीजेपी छोड़कर सपा में जाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य के नाम शामिल हैं। इसके अलावा आजाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ भी प्रत्याशी नहीं उतारेंगे।
सीएम योगी गोरखपुर सदर से लड़ेंगे चुनाव
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पहले मथुरा और अयोध्या से चुनाव लड़ने की अटकलें थीं लेकिन पार्टी ने उन्हें गोरखपुर सदर से अपना उम्मीदवार बनाया है। इसके साथ ही योगी पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। इससे पहले वह गोरखपुर से पांच बार सांसद रह चुके हैं। वे पहली बार 1998 में चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। 2017 में बीजेपी को जब यूपी विधानसभा चुनाव में जीत मिली तो पार्टी ने मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी यौगी आदित्यनाथ को सौंप दी। सीएम योगी की छवि एक हिंदूवादी नेता की है।