शेखपुरा के बाइपास रोड मोहल्ले के एक घर में शनिवार की रात ठंड से राहत पाने के लिए बंद कमरे में अलाव जलाया गया। धुआं के कारण दम घुटने से मां और पुत्र की मौत हो गई। जबकि, बेहोशी की हालत में पुत्री को इलाज के लिए शहर के निजी क्लीनिक में भर्ती कराया गया है। घटना पीएचईडी के पंप चालक दिलीप साव के घर में हुई। रविवार की सुबह में घरवालों को घटना की हुई जानकारी।
मृतकों में 35 साल की बॉबी देवी और 11 साल का कृष कुमार शामिल है जबकि, मुस्कान कुमारी की हालत गंभीर बनी हुई है। घटना की सूचना मिलते ही पीड़ित के घर के आगे लोगों की भारी भीड़ जमा हो गयी। एंबुलेंस से मां और पुत्र को सदर अस्पताल लाया गया। डॉक्टरों ने देखने के बाद दोनों को मृत घोषित कर दिया। इस संबंध में सदर थाना में यूडी केस किया गया है। मृतक के परिजनों के चीत्कार से सदर अस्पताल गूंज उठा। अन्य लोगों के अलावा मातमपुर्सी के लिए विधायक विजय सम्राट भी पहुंचे। पीड़ित परिवार को हर संभव मदद दिलाने का आश्वासन दिया।
मूक बधिर बेटे की तत्परता से बची बेटी की जान
पीड़ित दिलीप साव ने बताया कि उसे दो पुत्र और एक पुत्री है। इसमें एक पुत्र मूक बधिर है। मूक बधिर बालक ने ही सुबह में उसे जगाया और कमरे से धुंआ निकलने तथा पुत्री की आवाज आने की बात इशारों से बतायी। जब वह कमरे के पास पहुंचा और आवाज देने पर भी कमरे से कोई जवाब नहीं मिला, तब वह बाहर निकलकर चिल्लाने लगा। पड़ोस के लोग आये। इसके बाद कमरे का दरवाजा तोड़ा गया तो मंजर देखकर सबकी रुह कांप गईं। सबसे नीचे मां पड़ी थी। उसके ऊपर पुत्र और पुत्र के उपर पुत्री बेहोश थी। सभी का मुंह फटा हुआ था।
किस्मत से बच गया मूक बधिर बेटा
पीड़ित ने बताया कि जिस कमरे में घटना घटी, उसमें प्रतिदिन उसकी पत्नी, पुत्री और मूक बधिर पुत्र सोते थे। रोजाना की तरह ठंड से बचने के लिए लोहे के बर्तन में अलाव जलाया गया था। शाम में हुई बारिश के कारण अलाव को पत्नी कमरे में लेकर चली गई। शनिवार की रात कृष की जिद पर मां ने मूक बधिर पुत्र को छोड़कर उसे अपने साथ लेकर सोने चली गई। किस्मत का साथ मिला और उसकी जान बच गयी।