दिल्ली पुलिस के उत्तर-पश्चिमी जिले में पिछले साल अक्टूबर में ‘ऑपरेशन सजग’ (Operation Sajag) शुरू होने के बाद से पुलिस कंट्रोल रूम में आने वाली फोन कॉल में 24 प्रतिशत तक की कमी आई है। पुलिस के अनुसार, ऑपरेशन शुरू होने के बाद से लुटेरों और स्नैचरों सहित 8,006 अपराधियों और असामाजिक तत्वों को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि स्ट्रीट क्राइम की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए उत्तर-पश्चिमी जिला पुलिस ने 4 अक्टूबर को ‘ऑपरेशन सजग’ शुरू किया था। पुलिस ने कहा कि इस पहल में विशेष तलाशी और पिकेट पर गहन जांच शामिल है। स्ट्रीट क्राइम को नियंत्रित करने और अपराधियों को पकड़ने के लिए क्षेत्र में और अधिक पैट्रोलिंग बाइक जोड़कर गश्त को भी बढ़ाया गया था।
पुलिस उपायुक्त (उत्तर पश्चिम) उषा रंगनानी ने कहा कि यह ऑपरेशन रिंग रोड, इनर रिंग रोड और जीटी करनाल रोड, स्लम और क्लस्टर क्षेत्र, विशेष रूप से रेलवे लाइनों, बाजार स्थानों, पार्कों, मॉल आदि के साथ अंधेरे, सुनसान रास्तों और राजमार्गों पर केंद्रित था।
डीसीपी ने कहा कि पिकेट और पेट्रोलिंग स्टाफ द्वारा इस ऑपरेशन के तहत अपनाई गई रणनीतियों में नाइट पैट्रोलिंग, पैदल गश्त पर विशेष ध्यान देने के साथ व्यापक हाइवे पैट्रोलिंग, विशिष्ट क्षेत्रों पर ध्यान देने के साथ गतिशील तैनाती, जीपीएस-मॉनिटरिंग वाहन गश्त, पुलिस बूथों की स्थापना शामिल हैं।
पुलिस ने कहा कि इस ऑपरेशन का मुख्य फोकस हथियारों, ड्रग्स, अवैध शराब और चोरी की संपत्ति के स्रोत का पता लगाने पर है।
डीसीपी ने कहा कि ऑपरेशन सजग और उत्तर-पश्चिमी जिला पुलिस द्वारा अपनाए गए अन्य ठोस प्रभावी पुलिसिंग तरीकों के परिणामस्वरूप पीसीआर कॉल में 24 प्रतिशत की भारी गिरावट आई है। साथ ही, पुलिस कार्रवाई में 47 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिससे स्ट्रीट क्राइम में 33 प्रतिशत की गिरावट का मार्ग प्रशस्त हुआ है।