भारतीय सेना के उत्तरी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी ने कहा है कि सेना किसी भी घटना से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने बताया है कि ऑपरेशन स्नो लेपर्ड अब भी जारी है। जोशी जनरल ऑफिसर, कमांडिंग-इन-चीफ, जम्मू और कश्मीर में अपने मुख्यालय में उत्तरी कमान के अलंकरण समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कमान व्यवस्था में ‘असाधारण’ और ‘उत्कृष्ट’ प्रदर्शन के लिए 40 इकाइयों को जीओसी-इन-सी की प्रशस्ति और 26 इकाइयों को जीओसी-इन-सी का ‘प्रशस्ति प्रमाण-पत्र’ दिया।
ऑपरेशन स्नो लेपर्ड कब शुरू हुआ था?
ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन रक्षक, ऑपरेशन नॉर्दर्न बॉर्डर्स और कमान में अन्य अभियानों में इकाइयों के प्रदर्शन के लिए जीओसी-इन-सी का प्रशस्ति पत्र दिया गया। ऑपरेशन ‘स्नो लेपर्ड’ में इकाइयों के प्रदर्शन के लिए जीओसी-इन-सी के प्रशस्ति प्रमाण-पत्र दिए गए। यह अभियान चीन द्वारा पूर्वी लद्दाख में वापस जाने और यथास्थिति बहाल करने से इनकार करने के बाद शुरू किया गया था।
सैन्य कमांडर ने अपने संबोधन में कहा, “जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दोनों केंद्र शासित प्रदेशों का महत्व भली भांति ज्ञात है और हमने इस क्षेत्र की सुरक्षा के संबंध में पूरे समर्पण से हमारी भूमिका निभाई है और हमारा पूरा वर्चस्व बरकरार रखा है चाहे वह नियंत्रण रेखा (एलओसी) हो, वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी), वास्तविक जमीनी स्थिति रेखा (एजीपीएल) या फिर अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) हो।”उन्होंने कहा कि उत्तरी कमान के बहादुर सैनिकों ने दुश्मन के आक्रामक मंसूबों को नाकाम कर दिया। चीनी आक्रामकता के मद्देनजर लद्दाख में घटनाक्रमों का संदर्भ देते हुए, उन्होंने कहा कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के साथ टकराव वाले स्थानों से पीछे हटने का कार्य कई इलाकों से शांतिपूर्ण तरीके से पूरा कर लिया गया है और वार्ता के जरिए अन्य इलाकों से पीछे हटने के प्रयास जारी हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि बर्फ से ढकी चोटियों में सैनिक पूरी तरह चौकन्ने हैं।
कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ की कोशिशें जारी
ऑपरेशन रक्षक के तहत चलाए गए आतंकवाद रोधी अभियान पर उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोगों ने आतंकवाद, अलगाववाद और बंदूक संस्कृति को खारिज कर दिया है और कई वर्षों के बाद घाटी में आतंकवादियों की संख्या 200 से नीचे चली गई है जो एक “बड़ी उपलब्धि” है। जोशी ने कहा, “एलओसी पर संघर्ष विराम ने सीमावर्ती क्षेत्रों के निवासियों को राहत प्रदान की है। लेकिन आतंकियों की घुसपैठ की कोशिशें जारी हैं, जिन्हें हमारे सतर्क सुरक्षाकर्मी नाकाम कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों के लिए 2021 को शनिवार को ऐतिहासिक साल बताया जब सैनिकों ने एलओसी और एलएसी में आक्रामक मंसूबों के खिलाफ खड़े होने में साहस दिखाया। लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा है कि सुरक्षा बलों और जम्मू-कश्मीर के लोगों के अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप आतंकवाद संबंधित घटनाओं, पथराव गतिविधियों और विरोध प्रदर्शनों में कमी आई है। उन्होंने स्थानीय पुलिस, सीआरपीएफ और अन्य एजेंसियों को आतंकवाद रोधी अभियानों में उनकी भूमिका के लिए बधाई दी।