सांसद रितेश पांडेय सोशल मीडिया पर बसपा का प्रचार कर रहे हैं पर उनके पिता राकेश पांडेय सपा अम्बेडकर नगर में समाजवादी पार्टी का झंडा उठाए हुए हैं। वह जलालपुर से सपा से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। ऐसे में पिता पुत्र के लिए सियासी तौर पर असहज स्थिति बन रही है। विरोधियों के लिए घेरने का मौका है। ऐसे ही हालात से भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य को भी दो चार होना पड़ रहा है। उनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा छोड़ कर सपा में जा चुके हैं। उन्हें सपा से चुनाव लड़ना है।
यह बानगी भर हैं। सियासत में ऊंचाईयां छूने की ललक ऐसी है कि दलीय निष्ठा तो छूट जाती है रिश्ते नातों में भी सियासत आ जाती है। कई सियासी परिवार हैं जिनमें एक सदस्य किसी दल में है तो दूसरा विरोधी दल में। ऐसा इसलिए किसी तरह चुनाव लड़ने के लिए मजबूत पार्टी का सहारा मिल जाए और उसका टिकट मिल जाए। ताकि विधानसभा पहुंचा जा सके। सियासी महत्वकाक्षाएं ऐसा जोर मार रही हैं जिसमें परिवारों को अपने लपेटे में ले लिया है अभी और टिकट बंटने बाकी हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्य से पूछा गया कि आपकी बेटी तो भाजपा में हैं तो उन्होंने कहा कि वह अपना फैसला लेने में स्वतंत्र है। पर संघमित्रा इस बात से आहत है कि भाजपा में रहते हुए उन पर सवाल उठ रहे हैं। सहारनपुर में इमरान मसूद व उनके भाई नोमान मसूद कद्दावर नेता माने जाते हैं। नोमान पहले रालोद में थे। उससे पहले कांग्रेस में थे। हाल में वह रालोद छोड़कर बसपा में आ गए। इमरान मसूद बुधवार को सपा के साथ आ गए। अभी वह उहापोह में हैं। इमरान व नोमान दोनों कद्दावर नेता हैं।
कांग्रेस के कर्ताधर्ता राहुल गांधी व प्रियंका गांधी के चचेरे भाई वरुण गांधी भाजपा में हैं। दोनों के बीच रिश्ते सामान्य हैं और इसमें राजनीति आड़े नहीं आती। अपर्णा यादव का मामला ताजा है। वह सपा छोड़कर भाजपा में जा चुकी हैं। उनके ससुर मुलायम सपा के संरक्षक हैं। जेठ अखिलेश यादव सपा के अध्यक्ष। अब चुनाव प्रचार में आरोप प्रत्यारोप में दोनो ओर से सावधानी बरती जाएगी।