सर्दियों में हरी पत्तेदार सब्जियां भरपूर मिलती हैं। इनमें मौजूद पोषक तत्व शरीर को मजबूत बनाते हैं। जीवनशैली से जुड़े कई रोगों को दूर रखने में भी पत्तेदार सब्जियों की खासी भूमिका होती है, बता रही हैं स्वाति गौड़
शोध कहते हैं कि हरी पत्तेदार सब्जियों में अन्य सब्जियों के मुकाबले दोगुनी मात्रा में पोषक तत्व होते हैं। एक औसत वयस्क को प्रतिदिन ढाई कप हरी पत्तेदार सब्जियां खानी चाहिए। इनके नियमित सेवन से मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोटापा व हृदय संबंधी रोगों से लड़ने में मदद मिलती है।
पालक
पालक में मौजूद आयरन शरीर में लौह तत्व की कमी को पूरा करता है। कैल्शियम और विटामिन-ए जैसे पोषक तत्व भी इसमें भरपूर होते हैं। इसमें मौजूद बीटा-कैरोटीन, विटामिन-ए व सी कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकते हैं तथा मैक्यूलर डिजेनरेशन नामक आंखों के रोग के खतरे को कम करते हैं। विटामिन-के, फोलेट और ल्यूटिन जैसे पोषक तत्व दिमाग के लिए अच्छे रहते हैं। इसमें मौजूद पेप्सिन नामक एन्जाइम और नाईट्रेट तत्व, बीपी और दिल के रोगों से बचाते हैं।
हरी प्याज
इसे स्प्रिंग ऑनियन या आल की प्याज भी कहते हैं। यह आंखों की रोशनी और त्वचा की चमक बढ़ाने के साथ पाचन तंत्र को मजबूत रखता है। शोध बताते हैं कि हरी प्याज में रक्तचाप सामान्य करने और खून के थक्के बनने से रोकने का विशेष गुण होता है। इसमें कैल्शियम भी भरपूर होता है। ठंड से होनेे वाले जुकाम में भी ये राहत देता है। इसके एंटी-इन्फ्लामेट्री गुण अस्थमा और गठिया रोगों में लाभ पहुंचाते हैं। इसका एंटी-हाइपर-लिपिडेमिक गुण कोलेस्ट्रोल को ठीक करता है।
मेथी
मेथी में मौजूद प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्निशियम, फोलिक एसिड, कार्बोहाइड्रेट, जिंक और कॉपर जैसे पोषक तत्व इसे सेहत के लिहाज से फायदेमंद बना देते हैं। जोड़ों और बदन के दर्द से लेकर मोटापे तक की समस्या में मेथी खाना फायदा पहुंचाता है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप और अपच जैसी समस्याओं में इससे राहत मिलती है।
बथुआ
आयरन, फास्फोरस, विटामिन-ए और डी के अलावा बथुए में बहुत से खनिज तत्व होते हैं। सर्दियों में इसका सेवन कब्ज दूर करने के साथ अपच, भूख न लगना और खट्टी डकार आना जैसी समस्याओं से निजात दिलाता है। यह आंतों व रक्त की सफाई भी करता है। बथुए का रस फोड़े-फुंसी व खुजली में आराम देता है। इसकी पत्तियों को कच्चा चबाने से सांस केदुर्गंध से राहत मिलती है।
सरसों
सरसों में फाइबर, कैल्शियम और प्रोटीन भरपूर होते हैं। इसका नियमित सेवन उच्च रक्तचाप के खतरे को कम करने के साथ रक्त संबंधी विकारों को भी दूर करता है। फाइबर खूब होने के कारण यह मेटाबॉलिज्म को तीव्र कर वजन को नियंत्रित रखता है। विटामिनों की कमी से हड्डियों में आयी कमजोरी इससे दूर हो जाती है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स कैंसर से लड़ने में प्रभावशाली होते हैं।
मूली
मूली भूख बढ़ाने के साथ पाचन तंत्र को भी ठीक रखती है। कैल्शियम, आयोडीन, मैग्निशियम, फास्फोरस और प्रोटीन जैसे पोषक तत्व भी खूब होते हैं। गुर्दे से जुड़े विकारों एवं मूत्र रोगों में मूली खाने की सलाह दी जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार नींद न आने, हर समय थकान महसूस करने, गले में दर्द, कब्ज, दांतों के पीलेपन और मुंह की दुर्गंध जैसी समस्याओं में भी मूली का सेवन बहुत फायदेमंद होता है।
रखें ध्यान
– हमेशा ताजी सब्जियां ही खरीदें और खाएं।
-हरी पत्तेदार सब्जियों को पहले अच्छी तरह धोएं और फिर काटें। ताकि, पोषक तत्व पानी के साथ न बह जाएं।
– स्वाद बढ़ाने के लिए इन्हें अत्याधिक पकाने व तेज मसालेे डालने से बचें।