छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल ने नोएडा में चुनाव प्रचार के दौरान कोविड-19 संबंधी नियमों के उल्लंघन के आरोप में अपने खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद सोमवार को कहा कि निर्वाचन आयोग को अपनी भूमिका निष्पक्ष रखनी चाहिए। बघेल ने कहा कि आयोग को बताना चाहिए कि मौजूदा स्थिति में कैसे प्रचार करना है।
इससे पहले अखिलेश यादव ने सपा नेताओं पर केस के बाद निर्वाचन आयोग के फैसले पर सवाल उठाते हुए भाजपा का एक वीडियो ट्वीट किया था।
बघेल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ”मेरे साथ कई सुरक्षाकर्मी रहते हैं। कई पत्रकार भी थे। लोग आ रहे हैं, मिल रहे हैं। आखिर चुनाव प्रचार कैसे होगा। निर्वाचन आयोग को बताना चाहिए कि कैसे प्रचार करना है।” उन्होंने कहा, ”मेरे के खिलाफ कार्रवाई क्यों हुई? अमरोहा में भाजपा के प्रत्याशी और मंत्री के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई, जबकि वे घर-घर जाकर प्रचार कर रहे हैं। निर्वाचन आयोग को अपनी भूमिका निष्पक्ष रखनी चाहिए। अभी शुरुआत में निष्पक्षता दिखाई नहीं दे रही है तो आखिर में क्या उम्मीद करें?”
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में नोएडा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के प्रचार के लिए रविवार को नोएडा आए बघेल के खिलाफ कोविड-19 संबंधी नियमों के उल्लंघन के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई। बघेल रविवार को कुछ समर्थकों के साथ नोएडा में कांग्रेस की प्रत्याशी पंखुड़ी पाठक के समर्थन में घर-घर प्रचार के लिए गए थे, जब नियमों का कथित उल्लंघन हुआ। महामारी कानून के तहत दर्ज मामले में आरोपियों में छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ कांग्रेस नेता के अलावा ‘अन्य’ के नाम भी हैं।
इससे पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर चुनाव आयोग से ‘निर्वाचन न्याय’ की गुहार लगाई। एक वीडियो शेयर कर अमरोहा से भाजपा विधायक महेन्द्र खड़गवंशी पर कोविड गाइडलाइन्स और चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए उन्होंने आयोग से कार्रवाई की मांग की है।
अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में लिखा-‘ सपा के कार्यक्रम-कार्यालय पर पूरी पाबंदी और गाड़ियों के चालान भी लेकिन ‘कुछ दिनों के बाकी बचे मुख्यमंत्री’ व अमरोहा के भाजपा प्रत्याशी आचार संहिता और कोरोना गाइडलाइन्स का सरेआम मज़ाक़ उड़ा रहे हैं। ‘निर्वाचन-न्याय’ को सुनिश्चित करना चुनाव आयोग का परम-धर्म है! कोई है?
गौरतलब है कि दो दिन पहले ही समाजवादी पार्टी के 2500 अज्ञात कार्यकर्ताओं के खिलाफ लखनऊ जिला प्रशासन ने कोविड नियमों के उल्लंघन के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई थी। उस दिन स्वामी प्रसाद मौर्य सपा में शामिल हुए थे। इस मौके पर सपा मुख्यालय पर बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता और समर्थक जुटे थे।
कोविड की तीसरी लहर के मद्देनज़र चुनाव आयोग ने प्रदेश में चुनावी जनसभाओं, रैलियों और रोड शो आदि पर रोक लगा रखी है। आयोग द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक चुनाव के उद्देश्य से किसी भी तरह कोई भीड़ इक्ट्ठा नहीं की जा सकती है। यदि कोई नेता या राजनीतिक दल ऐसा करता है तो उसके खिलाफ आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज किया जाएगा। कोविड गाइडलाइन के उल्लंघन के मामले में प्रशासन भी केस दर्ज कर सकता है।