राजधानी दिल्ली को अभी प्रदूषण से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। सफर का अनुमान है कि अगले दो-तीन दिनों के बीच हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में ही रहेगी। रविवार के दिन भी दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब श्रेणी में बना रहा।
दिल्ली के लोगों को इस बार पहले की तुलना में ज्यादा प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है। नवंबर और दिसंबर के महीने में बारिश की कमी के चलते प्रदूषण का स्तर सामान्य से ज्यादा रहा। जबकि, जनवरी में भी केवल पश्चिमी विक्षोभ के चलते हुई बारिश के समय ही हवा साफ-सुथरी रही। ठंड, कोहरे और हवा की सुस्त रफ्तार के चलते दिल्ली के लोगों को लगातार ही प्रदूषण से भरी जहरीली हवा में सांस लेना पड़ रहा है।
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक रविवार के दिन दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 264 के अंक पर रहा। इस स्तर की हवा को खराब श्रेणी में रखा जाता है। शनिवार के दिन सूचकांक 258 के अंक पर रहा था। यानी 24 घंटे के भीतर इसमें छह अंकों की बढ़ोतरी हुई है। चिंता की बात यह है कि दिल्ली के 12 निगरानी केन्द्र ऐसे हैं जहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के अंक से ऊपर यानी बेहद खराब श्रेणी में बना हुआ है।
सीपीसीबी के मुताबिक रविवार की शाम पांच बजे दिल्ली की हवा में प्रदूषक कण पीएम 10 का स्तर 174 और पीएम 2.5 का स्तर 104 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर रहा। मानकों के मुताबिक हवा में पीएम 10 का स्तर 100 और पीएम 2.5 का स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से कम होना चाहिए। तभी उसे स्वास्थ्यकारी माना जाता है। इस अनुसार देखा जाए तो दिल्ली की हवा में इस समय सामान्य से दोगुने से भी ज्यादा प्रदूषक कण मौजूद है। सफर का अनुमान है कि अगले दो दिनों के बीच लगभग ऐसा ही मौसम बना रहेगा। इसके चलते प्रदूषक कणों का बिखराव भी धीमा होगा और हवा खराब श्रेणी में बनी रहेगी।