मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले के मास्टर माइंड डॉ. जगदीश सागर की इंदौर के एयरपोर्ट पर गिरफ्तारी हुई है। जमानत पर रिहा हुए सागर की इस बार आर्म्स एक्ट में गिरफ्तारी हुई है। सागर के पास जिंदा कारतूस मिला है जबकि उसके पास किसी हथियार का लायसेंस नहीं है।
व्यापम मामले के मुख्य सरगना जगदीश सागर को एक बार फिर से पुलिस की गिरफ्त में पहुंचा। इस बार सागर को इंदौर एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया है। जमानत पर जेल से बाहर आए जगदीश सागर इंडिगो की फ्लाइट से ग्वालियर जा रहा था कि सीआईएसएफ ने उनके सामान की चैकिंग में एक जिंदा कारतूस पाया था। सीआईएसएफ ने कारतूस की जप्ती बनाकर उन्हें इंदौर पुलिस को सौंप दिया था। सागर की गिरफ्तारी के बाद उन्हें इस मामले में भी जमानत मिल गई है।
जगदीश सागर के पास आर्म्स नहीं, कारतूस कहां से आया
पुलिस का कहना है कि जगदीश सागर को साल 2012 में व्यापम घोटाले में गिरफ्तार किया गया था। कई साल जेल में रहने से बाद जब बाहर आया तो उसका आर्म्स लायसेंस की अवधि निकल चुकी थी। इसके बाद आर्म्स लायसेंस का रिन्यूअल नहीं हो सका। सागर ने पुलिस को बताया कि आर्म्स लायसेंस रिन्यू नहीं होने पर उसने जो दो हथियार उसके पास थे बेच दिए थे। सवाल यह खड़ा होता है कि जब हथियार नहीं हैं तो सागर के पास जिंदा कारतूस कहां से आए। पुलिस ने इस दिशा में सागर से गंभीरता से पूछताछ नहीं की और अदालत में पेश कर दिया। जहां से उसे जमानत मिल गई है।
राजनीति में भी उतरा
सागर व्यापम घोटाले में गिरफ्तार होने के बाद जमानत पर रिहा हुआ है और उसने कुछ साल पहले राजनीति में कदम रखा है। 2020 में जब मध्य प्रदेश में एकसाथ कई उपचुनाव हुए तो बहुजन समाज पार्टी में पहुंच गया था। उसने गोहद विधानसभा सीट से उपचुनाव भी लड़ा था।