पाकिस्तान ने कनाडा और अमेरिका में रह रहे सिखों, अफगानों, चीनियों सहित अमीर विदेशी नागरिकों के लिए स्थायी निवास योजना की पेशकश करने का फैसला किया है, ताकि निवेश को आकर्षित किया जा सके एवं अर्थव्यवस्था एवं राष्ट्रीय विकास को गति दी जा सके। यह जानकारी शनिवार को सामने आई। सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने रात को ट्वीट कर योजना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह योजना नयी राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के अनुरूप है, जिसे शुक्रवार को प्रधानमंत्री इमरान खान ने जारी किया था।
उन्होंने ट्वीट किया, ”यह योजना नयी राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के अनुरूप है, जिसमें पाकिस्तान ने भू-अर्थशास्त्र को अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सिद्धांत के केंद्र में रखा है। सरकार ने विदेशी नागरिकों के लिये स्थायी निवास योजना की अनुमति देने का फैसला किया है। नयी नीति विदेशियों को निवेश के बदले स्थायी निवासी का दर्जा देने की अनुमति देगी।”
‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार ने खबर दी कि योजना की पृष्ठभूमि को साझा करते हुए संघीय मंत्री ने कहा कि स्थायी निवास योजना का एक उद्देश्य अमीर अफगानों को आकर्षित करना है, जो पिछले साल अगस्त में काबुल की सत्ता तालिबान के हाथ में आने के बाद तुर्की और मलेशिया जैसे देशों में पलायन कर रहे हैं।
चौधरी ने कहा, ”उन्हें प्रोत्साहन देने की जरूरत है।”इसके साथ ही मंत्री ने कहा कि योजना का लक्ष्य अमेरिका और कनाडा में रहने वाले सिखों को आकर्षित करना है, जो धार्मिक स्थलों खासतौर पर करतारपुर गलियारे में निवेश करने को इच्छुक हैं, लेकिन अभी ऐसा करने का विकल्प नहीं है।
उन्होंने बताया कि तीसरा लक्ष्य चीनी नागरिकों को प्रोत्साहन देना है जो पाकिस्तान में उद्योग लगाने को इच्छुक हैं। चौधरी ने कहा, ”यह ऐतिहासिक कदम है…पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार विदेशियों को रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश की अनुमति दी जा रही है।”