भारत का दक्षिण अफ्रीका में पहली टेस्ट सीरीज जीतने का सपना चकनाचूर हो गया। केप टाउन टेस्ट मैच चार दिन के अंदर ही जीतकर दक्षिण अफ्रीका ने तीन मैचों की टेस्ट सीरीज पर 2-1 से कब्जा जमा लिया। सेंचुरियन टेस्ट में 113 रनों से शानदार जीत के साथ टीम इंडिया ने सीरीज का आगाज किया था, लेकिन इसके बाद टीम इंडिया जोहानिसबर्ग और केप टाउन टेस्ट में लगातार दो हार के साथ टेस्ट सीरीज गंवा बैठी। निर्णायक टेस्ट मैच में पांच ऐसे गुनहगार रहे, जिन्होंने भारत को पहली पारी में बढ़त मिलने के बावजूद जीत दर्ज नहीं करने दी।
राहुल-मयंक की सलामी जोड़ी
सेंचुरियन टेस्ट में भारत को शानदार शुरुआत दिलाने वाले केएल राहुल और मयंक अग्रवाल की जोड़ी केप टाउन टेस्ट में फेल रही। दोनों ने लगातार दोनों पारियों में 31 और 20 रनों की साझेदारी निभाई। राहुल पहली पारी में 12 और दूसरी पारी में 10 रन बनाकर आउट हुए। वहीं मयंक पहली पारी में 15 और दूसरी पारी में सात रन बनाकर पवेलियन लौटे। दोनों ही बल्लेबाज अच्छी शुरुआत के बाद गैर जरूरी शॉट खेलकर अपना विकेट गिफ्ट कर के पवेलियन लौटे। एक भी पारी में दोनों ने बेहतर बल्लेबाजी दिखाई होती, तो मैच का रिजल्ट कुछ और हो सकता था।
चेतेश्वर पुजारा
पुजारा ने पहली पारी में 43 रनों की अहम पारी जरूर खेली, लेकिन दूसरी पारी में महज 9 रन बनाकर आउट हुए। पुजारा ने दक्षिण अफ्रीका की दूसरी पारी के दौरान कीगन पीटरसन का कैच स्लिप में टपकाया। पुजारा ने सिर्फ यह कैच नहीं टपकाया था, बल्कि इस कैच को छोड़ने के साथ ही उन्होंने दक्षिण अफ्रीका को जीत भी समझिए गिफ्ट में दे दी थी। पुजारा ने इतना आसान कैच टपकाया, जो सालों उन्हें जरूर खटकता रहेगा।
अजिंक्य रहाणे
जोहानिसबर्ग टेस्ट की दूसरी पारी में पचासा ठोककर रहाणे किसी तरह केप टाउन टेस्ट के प्लेइंग इलेवन में तो बने रहे, लेकिन इस मैच के रिजल्ट के बाद टीम मैनेजमेंट को भी हनुमा विहारी को उनकी जगह मौका देने का मलाल जरूर होगा। रहाणे पहली पारी में 9 और दूसरी पारी में महज एक रन बनाकर आउट हुए। रहाणे की खराब फॉर्म अब टीम इंडिया के लिए सिरदर्द बन चुकी है और ऐसा लगता है कि शायद ही उन्हें आने वाली टेस्ट सीरीज में प्लेइंग इलेवन में शामिल किया जाए।
उमेश यादव
भारत ने इस मैच में चोटिल मोहम्मद सिराज की जगह उमेश यादव को प्लेइंग इलेवन में शामिल किया, लेकिन इस तेज गेंदबाज ने परिस्थितियों का साथ मिलने के बावजूद अपनी गेंदबाजी से बहुत निराश किया। पहली पारी में उन्होंने दो विकेट जरूर लिए, लेकिन 4 के इकॉनमी रेट से रन लुटाए, वहीं दूसरी पारी में वह महंगे भी साबित हुए और कोई विकेट भी नहीं निकाल पाए।
घटिया डीआरएस फैसले
दक्षिण अफ्रीका की दूसरी पारी में दक्षिण अफ्रीका के कप्तान डीन एल्गर को एक डीआरएस में एलबीडब्ल्यू आउट नहीं दिया गया। यह घटना दक्षिण अफ्रीकी पारी के 21वें ओवर में घटी। रविचंद्रन अश्विन की एक गेंद एल्गर के पैरों पर लगी। अंपायर मराय इरास्मस ने इसको एलबीडब्ल्यू आउट दिया। लेकिन दक्षिण अफ्रीका द्वारा डीआरएस लेने पर इस फैसले को पलट दिया गया, क्योंकि बॉल ट्रैकिंग में दिखा कि गेंद स्टंप के ऊपर से जा रही थी। इसके बाद रैसी वनडर डुसन को भी ऐसे ही डीआरएस का फायदा मिला।