ब्रितानी राजपरिवार के सदस्य प्रिंस एंड्र्यू ने अमेरिकी अदालत में यौन शोषण के मुकदमे के बाद शाही पदवी और जिम्मेदारियां छोड़ दी हैं. जानिए वह कौन हैं और उन पर मुकदमे की सारी जानकारी.ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के दूसरे बेटे प्रिंस एंड्र्यू ने अमेरिका की एक अदालत में खुद पर यौन शोषण का मुकदमा दायर होने के बाद शाही पदवी और जिम्मेदारियां छोड़ दी हैं. ब्रितानी मीडिया में राजपरिवार से जुड़े एक गुप्त सूत्र के हवाले ये खबरें चल रही हैं कि अब एंड्र्यू ‘हिज रॉयल हाइनेस’ उपाधि का इस्तेमाल नहीं करेंगे. यह उपाधि राजपरिवार के वरिष्ठ सदस्यों को दी जाती है. इससे पहले बकिंघम पैलेस की ओर से एलान किया गया कि अमेरिका में केस दर्ज होने के बाद प्रिंस एंड्र्यू ने अपनी सैन्य पदवी और भूमिकाओं से इस्तीफा दे दिया है. पैलेस की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘ड्यूक ऑफ यॉर्क अपनी सभी सार्वजनिक जिम्मेदारियों से मुक्त किए जाते हैं और अब वह एक आम नागरिक की तरह मुकदमे में अपना बचाव करेंगे.’ एंड्र्यू के खिलाफ क्या है मामला प्रिंस एंड्र्यू पर वर्जीनिया रॉबर्ट्स गिफ्रे नाम की महिला ने जबरन यौन संबंध बनाने के आरोप में मामला दर्ज कराया है. बुधवार को एंड्र्यू के वकीलों ने प्रयास किया कि अदालत इस मामले को खारिज कर दे, लेकिन न्यूयॉर्क के जज ने उनकी ये कोशिशें निरस्त कर दीं. एंड्र्यू को अक्सर महारानी का ‘सबसे पसंदीदा बेटा’ कहा जाता है.
38 साल की गिफ्रे का आरोप है कि 2001 में जब वह 17 साल की थीं, तब एंड्र्यू ने उनका यौन उत्पीड़न किया था. गिफ्रे के मुताबिक उन्हें जेफ्री एप्सटीन ने एंड्र्यू के पास भेजा था. यौन अपराध के कई मामलों में दोषी अमेरिकी अरबपति जेफ्री एप्स्टीन ने 2019 में खुदकुशी कर ली थी. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपतियों बिल क्लिंटन और डॉनल्ड ट्रंप के करीबी बताए जाने वाले एप्सटीन की लाश जेल की बैरक में मिली थी. एप्स्टीन को बच्चों से यौन संबंध बनाने का दोषी भी पाया गया था. आरोपों पर एंड्र्यू का क्या कहना है एंड्र्यू ने इन आरोपों से इनकार किया है. साल 2019 में एक इंटरव्यू में इन्होंने दावा किया था कि उन्हें गिफ्रे से मिलने का कोई मौका याद नहीं है. उन्होंने एप्स्टीन के साथ अपनी दोस्ती का भी बचाव किया था. इस इंटरव्यू के बाद आम जनता की ओर से जोरदार विरोध देखने को मिला था.
फिर तमाम चैरिटी और संगठनों ने एंड्र्यू से किनारा कर लिया था. इसके बाद वह बहुत ही कम मौकों पर सार्वजनिक तौर पर नजर आए. हाल ही में रॉयल नेवी, रॉयल एयर फोर्स और ब्रितानी सेना के दिग्गजों ने महारानी को खत लिखकर सशस्त्र बलों में एंड्र्यू की पदवियां और उपाधियां छीनने की अपील की थी. 95 साल की महारानी एलिजाबेथ राष्ट्राध्यक्ष होने के नाते थल सेना, नौसेना और वायु सेना की कमांडर इन चीफ हैं. क्या लिखा गया महारानी को पत्र में महारानी को सामूहिक पत्र में लिखा गया, “अगर सेना के किसी वरिष्ठ अधिकारी पर इस तरह के आरोप लगे होते, तो उनका पद पर बने रहना नामुमकिन होता. ब्रितानी सशस्त्र बलों के अधिकारियों को आचरण और ईमानदारी के उच्चतम मानकों का पालन करना चाहिए. निश्चित तौर पर प्रिंस एंड्र्यू इन मानकों का पालन करने में पूरी तरह नाकाम कर रहे हैं और उनकी वजह से इन संस्थानों को अपमानित होना पड़ा है” ब्रिटेन में महारानी राजपरिवार के वरिष्ठ सदस्यों को सैन्य इकाइयों के मानद प्रमुख के तौर पर नियुक्त करती हैं. एंड्र्यू उस ग्रेनेडियर गार्ड्स के मानद कर्नल थे, जिसके सैनिक मशहूर काली टोपी और लाल पोशाक में बकिंघम पैलेस की सुरक्षा में तैनात किए जाते हैं. शाही परिवार के सदस्य कई चैरिटी और अन्य संगठनों से भी जुड़े होते हैं. प्रिंस एंड्र्यू और ब्रितानी राजपरिवार प्रिंस एंड्र्यू 1978 में रॉयल नेवी की एविएशन शाखा में शामिल हुए थे.
1981 में उन्हें बतौर उप-लेफ्टिनेंट नियुक्त किया गया था. 1982 में वह फॉकलैंड द्वीप समूह को लेकर हुए युद्ध में शामिल रहे हैं. 1982 में अर्जेंटीना ने ब्रिटेन से हजारों किलोमीटर दूर अपने पड़ोस में स्थित फॉकलैंड द्वीप समूह पर हमला किया था. तब जिस एयरक्राफ्ट कैरियर से अर्जेंटीना का मुकाबला किया गया था, प्रिंस एंड्र्यू भी उसके साथ थे. लंबे समय से संकटों में घिरे ब्रितानी राजपरिवार के लिए 2022 एक अहम साल है, जब महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के शासन के 70 साल पूरे हो रहे हैं. इस मौके पर परेड, झांकी और सार्वजनिक अवकाश जैसी चीजें होती हैं, लेकिन एंड्र्यू के मुकदमे ने उम्रदराज महारानी की तकलीफें और बढ़ा दी हैं. पिछले साल उनके पोते प्रिंस हैरी और उनकी पत्नी मेगन राजपरिवार छोड़कर अमेरिका चले गए. फिर एक इंटरव्यू में उन्होंने राजपरिवार की खूब आलोचना भी की थी. वीएस/ओएसजे (एएफपी, एपी, रॉयटर्स).