उत्तराखंड बर्फबारी और बारिश ने प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रह रहे लोगों की दुश्वारियां बढ़ा दी हैं। चमोली और उत्तरकाशी जिलों में 167 गांवों में भारी बर्फबारी के बाद पैदल मार्ग बंद हो जाने से ग्रामीण गांव में ही कैद होकर रह गए हैं। चकराता में बिजली लाइन में फॉल्ट आने से 150 गांवों की बिजली गुल हो गई।
लोनिवि के मुताबिक, बर्फबारी और भूस्खलन से प्रदेश की 18 मुख्य और 40 ग्रामीण सड़कों पर यातायात ठप हो गया है। यमुनोत्री और गंगोत्री हाईवे तीसरे दिन भी बंद रहे। पौड़ी के चौरीखाल में बर्फबारी के बाद स्टेट हाईवे बंद हो गया। लोनिवि और बीआरओ की टीमें सड़कें खोलने के प्रयास में जुटी हुई हैं। रुद्रप्रयाग जिले की केदारघाटी में भारी बर्फबारी से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया। बर्फबारी के कारण बंद ऊखीमठ-चोपता-गोपेश्वर मार्ग अब तक नहीं खुला है।
चार दिन से हो रही बारिश ने बढ़ाई ठंड
बीते चार दिनों से लगातार हो रही बारिश और बर्फबारी से जनजीवन प्रभावित हो गया है। केदारनाथ धाम में करीब 4 फीट बर्फ गिर गई है जबकि निचले क्षेत्रों में बारिश ने ठंडक बढ़ा दी है। बारिश से ऊंचे ग्रामीण इलाकों के साथ ही बर्फ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की परेशानियां बढ़ गई है। केदारनाथ, मद्महेश्वर, तुंगनाथ, चन्द्रशिला, देवरियाताल, सारी, तोषी, त्रियुगीनारायण, गौंडार, रांसी, कार्तिक स्वामी, घिमतोली आदि गांवों में बर्फ गिर गई है। भारी हिमपात के चलते यहां जनजीवन काफी प्रभावित हो गया है। ऊंचाई वाले स्थानों पर लोग घरों में दुबक गए हैं। केदारनाथ में 4 फीट तो तुंगनाथ और चन्द्रशिला में 3 फीट बर्फ गिरी है।
चमोली में बारिश और बर्फबारी से ग्रामीणों की दुश्वारियां बढ़ी
चमोली में घाटी क्षेत्रों में बारिश और ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी का दौर सोमवार को भी जारी रहा। जिले के 125 से अधिक गांव बर्फ से ढक गए हैं। इन गावों में जन जीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है । बदरीनाथ हाईवे पर हनुमान चट्टी से आगे बर्फ जम गयी है। जिला आपदा कंट्रोल रूम के अनुसार जिले के 125 से अधिक गांव बर्फबारी से प्रभावित है। बदरीनाथ धाम, हेमकुंड, गौरसौ बुग्याल, नंदा घुंघटी, रूद्रनाथ, निजमुला घाटी सहित उचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी का सिलसिला जारी है।
उत्तरकाशी के 42 गांव बर्फ से ढके
उत्तरकाशी में मौसम की दुश्वारियां थमने की नाम नहीं ले रही है। बारिश और बर्फबारी के कारण एक बार फिर जन-जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। निचले इलाकों में ठंड के साथ ही ऊंचाई वाली चोटियों पर बर्फबारी हो रही है। मोरी क्षेत्र में लगातार जारी बारिश और बर्फबारी के बीच तहसील के अंतर्गत वन्यजीव राष्ट्रीय पार्क के 42 गांव बर्फीली चादर से ढक गए हैं।
प्रशासन की ओर से गांवों में अतिरिक्त खाद्यान्न व रसोई गैस की आपूर्ति के साथ ही अन्य जरूरी सुविधाओं की व्यवस्था एडवांस में कर दी गई है। लोग अपने घरों तक नहीं पहुंच सके। हिमपात से लिवाडी, फिताड़ी, राला, जखोल, ओसला, पवाडी, गंगाड, ढाटमीर, सेवा, बरी, मसरी, भितरी आदि गांव को जोड़ने वाले पैदल मार्ग बंद होने से पूरे दिन ग्रामीणों की आवाजाही बंद रही। वहीं मोरी के विश्व विख्यात पर्यटक स्थल केदारकांठा, हरकीदून, भराड, देवक्यार आदि पर्यटक स्थलों को जाने वाले रुटों पर बर्फबारी का आनंद लेने के लिए पर्यटकों का हुजूम उमड़ा है।
बारिश और भूस्खलन से बढ़ा खतरा
लगातार हो रही बारिश ने यहां आमजन की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। बारिश से नगर के राजनगर में भूस्खलन से आवासीय मकान खतरे की जद में हैं। वहीं सुभाषनगर रोड पर लगातार पहाड़ी से पत्थर गिरने से आवागमन जोखिम भरा हो रखा है। यही नहीं बारिश से ग्रामीण सड़कों की हालात भी खराब है। कर्णप्रयाग-नैनीसैंण, धारडुंग्री-मैखुरा, जयकंडी-मैखुरा पर कई जगह मलबा गिर रहा है। जिससे लोगों में डर का माहौल है। वहीं चटवापीपल-सिरण सड़क पर बारिश से मलबा आने से बंद है। पूर्व प्रधान प्रमोद नौटियाल, राजेश्वरी नेगी सहित अन्य ग्रामीणों ने जल्द सड़क खोलने की मांग की है।
पौड़ी में बर्फबारी से स्टेट हाईवे थलीसैंण-चौरीखाल अवरुद्ध
सोमवार को भी मौसम का मिजाज बदला ही रहा। जिलेभर में रुक-रुक कर पूरे दिन बारिश होती रही। बीते दो दिनों से मौसम के मिजाज के कारण जिले के सभी ऊंचाई वाले इलाकों में मौसम सर्द हो गया है और सर्द हवाओं से ठिठुरन भी बढ़ गई है। जिले के चौरीखाल में बीती रात हुई बर्फबारी के कारण स्टेट हाईवे भी बाधित हो गया है। जबकि मलबा आने के कारण जिले की दो अन्य सड़कें भी यातायात के लिए अवरुद्ध हो गई है। जिले के ऊंचाई वाले हिस्से चौरीखाल में बर्फबारी के कारण स्टेट हाईवे भी बाधित हो गया।
पौड़ी मुख्यालय सहित थलीसैंण, चौरीखाल, दीवाडांडा आदि क्षेत्रों में मौसम खासा सर्द बना हुआ है। रविवार की रात हुई बर्फबारी के कारण थलीसैंण का स्टेट हाईवे थलीसैंण-चौरीखाल-चिपलघाट सोमवार को दोहपर तक भी बाधित रहा। पाबौ लोनिवि ने सड़क से बर्फ को हटाने के लिए जेसीबी लगाई है। पाबौ डिवीजन के ईई केएस नेगी ने बताया कि है कि बर्फबारी अधिक होने के कारण दोपहर तक सड़क को यातायात के लिए नहीं खोला जा सका है। हालांकि हाईवे के दोनों तरफ कोई वाहन या यात्री फंसा नहीं है। हाईवे से बर्फ को हटाया जा रहा है।
कालसी मार्ग पर जजरेड़ में 12 घंटे तक ठप रहा ट्रैफिक
बारिश और बर्फबारी से पर्वतीय मार्गों पर भूस्खलन हो रहा है। सोमवार को कालसी-चकराता मार्ग पर जजरेड़ में मलबा आने से 12 घंटे यातायात ठप रहा। करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद जजरेड़ का ट्रीटमेंट नहीं होने से यह समस्या नासूर बनती जा रही है। शनिवार से हो रही बारिश से रविवार और सोमवार को जजरेड़ के पास कई बार ट्रैफिक बाधित हुआ। हालांकि, अब लोक निर्माण विभाग की ओर से यहां जेसीबी को तैनात कर दिया गया है।
त्यूणी में पहाड़ से गिरा बोल्डर, वाहन क्षतिग्रस्त
त्यूणी टैक्सी स्टैंड पर सोमवार सुबह करीब नौ बजे विभिन्न इलाकों से टैक्सी और लोडर चालक सवारियों को लेकर पहुंचे। वाहन चालक अपने वाहनों को टैक्सी स्टैंड पर पार्क कर निकल गए। तभी रायगी खड्ढ के पास से एकाएक चार-पांच बोल्डर टैक्सियों के ऊपर आ गिरे। एक टैक्सी की छत पर बोल्डर गिरने से टैक्सी के दो हिस्से हो गए। शुक्र रहा कि कोई टैक्सी में सवार नहीं था। यह टैक्सी त्यूणी निवासी हीरा थापा की थी। टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष मनीष चौहान ने प्रशासन से टैक्सी चालक थापा को मुआवजा दिलाने की मांग की है।
चकराता में बर्फ से लकदक पहाड़ियां देखने उमड़े पर्यटक
एक सप्ताह से हो रही बारिश और बर्फबारी का सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा। सोमवार तड़के से चकराता की पहाड़ियों पर जमकर हिमपात हुआ। लोखंडी, देवबन, खडंबा, मुंडाली, मोयला टॉप, व्यास शिखर, कथियान वैली, कोटी कनासर में दो से तीन फीट तक बर्फ जमी हुई है। जबकि सोमवार तड़के चकराता बाजार में भी आधा इंच के करीब बर्फ पड़ी। सोमवार को विकासनगर, सहसपुर, पांवटा साहिब और दून से बर्फ देखने लोग पहुंचे। ज्यादा संख्या में पर्यटकों के आने से बस स्टैंड और चकराता-कालसी मार्ग पर जाम की स्थिति रही।
15 तक राहत देगा मौसम:मौसम विभाग ने कहा है कि 15 जनवरी तक प्रदेश भर में मौसम साफ रहेगा। मंगलवार को हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिलों में हल्का कोहरा छाए रहने की संभावना है।