मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सामूहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने यह मांग कोरोना के वर्तमान हालात को देखते हुए की है। कमलनाथ ने आज यहां इस संबंध में बयान जारी किया।
घरों में सुरक्षित रहकर करें
कमलनाथ ने कहाकि राज्य सरकार ने 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर प्रदेश भर के स्कूलों में सामूहिक रूप से सूर्य नमस्कार के आयोजन के निर्देश जारी किये हैं। उन्होंने कहा कि सूर्य नमस्कार को लेकर हमारा कोई विरोध नहीं है। बस कोरोना के बढ़ते संक्रमण और सक्रिय मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए हम चाहते हैं कि बच्चे सूर्य नमस्कार तो करें लेकिन अपने घरों में सुरक्षित रहकर ही करें। सामूहिक रूप से सार्वजनिक स्थलों एवं स्कूलों में यह भीड़ भरे आयोजन नहीं होने चाहिए।
टूटेगा सोशल डिस्टेंसिंग का नियम
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहाकि सूर्य नमस्कार के इन आयोजनों से कोरोना गाइडलाइन तो टूटेगी ही, फिजिकल डिस्टेंसिंग का नियम भी टूटेगा। लोग भी जुटेंगे और अगर इसे मास्क लगाकर किया जाएगा तो भी स्वास्थ्य की दृष्टि से उचित नहीं ठहराया जा सकता। वहीं अगर बिना मास्क के किया जाएगा तो कोरोना के नियमों का मजाक उड़ेगा। वैसे भी सूर्य नमस्कार के लिए एक बड़ी जगह की जरूरत होती है। उन्होंने कहाकि सामूहिक रूप से इसके आयोजन से शारीरिक दूरी का पालन होना संभव नहीं है।
स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़
कांग्रेस नेता ने कहाकि शासन द्वारा जारी निर्देशों को देखते हुए शिक्षा विभाग द्वारा समस्त स्कूलों को निर्देश जारी किये गये हैं। इसमें कहा गया है कि समस्त छात्र-छात्राएं, स्कूल का पूरा स्टाफ आवश्यक रूप से इस आयोजन में उपस्थित हो। इसको लेकर अभ्यास भी आयोजित किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर यह निर्णय बच्चों, शिक्षकों और स्कूली स्टाफ के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है।