दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मुंबई अंडरवर्ल्ड से कनेक्शन रखने के आरोप में कुख्यात गैंगस्टर और अंतरराष्ट्रीय ताइक्वांडो खिलाड़ी अजय गुर्जर उर्फ भाई जी को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है। उस पर हत्या और जबरन वसूली जैसे 24 से ज्यादा केस दर्ज हैं। अजय गुर्जर के अंडरवर्ल्ड के चार गैंगस्टर हाफिज बलूच, इकबाल इब्राहिम कासकर, सुभाष ठाकुर और आरिफ जान के साथ मुंबई में 11 साल से मजबूत रिश्ते हैं।
डीसीपी (स्पेशल सेल) जसमीत सिंह ने बताया कि गिरफ्तार किया गया अजय गुर्जर पहले दिल्ली, हरियाणा, यूपी, राजस्थान और मुंबई में हत्या, हत्या के प्रयास, जबरन वसूली, हमला, दंगा, आपराधिक धमकी, आर्म्स एक्ट आदि सहित 24 से अधिक आपराधिक मामलों में शामिल है। अजय गुर्जर ने सतेंदर उर्फ सत्ते के साथ मिलकर तिहाड़ जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी को जेल में बंद अंकित गुर्जर की मौत का बदला लेने के लिए नुकसान पहुंचाने की साजिश रची थी। गिरफ्तारी के समय आरोपी अजय गुर्जर के पास से 5 जिंदा कारतूस के साथ .30 की एक सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल बरामद की गई।
उन्होंने बताया कि हरियाणा में पलवल जिले के तुमसारा निवासी अजय गुर्जर (41 साल) एक अंतरराष्ट्रीय ताइक्वांडो ब्लैक बेल्ट खिलाड़ी है और उसने ताइक्वांडो में राष्ट्रीय स्तर पर 8 स्वर्ण पदक जीते थे। उसने वर्ष 2003 में भूटान में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय ताइक्वांडो चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल भी जीता था और वर्ष 2005 में मुंबई में आयोजित एक अन्य अंतर्राष्ट्रीय ओपन चैलेंज प्रतियोगिता में 5वें स्थान पर रहा था।
स्पेशल सेल ने उसे 6 जनवरी की शाम दिल्ली के मथुरा रोड स्थित बस स्टैंड बदरपुर के पास गिरफ्तार किया था। वह दिल्ली में स्पेशल सेल के एक मामले में फिलहाल वॉन्टेड था और 4 महीने से फरार था। उक्त मामले में स्पेशल सेल ने अजय गुर्जर के साथी सतेंद्र उर्फ सत्ते को अगस्त 2021 में गिरफ्तार किया था, लेकिन गिरफ्तारी से बचने के लिए अजय गुर्जर अंडरग्राउंड हो गया था।
अपराध की दुनिया में ऐसे रखा था कदम
अजय गुर्जर अत्यधिक गुस्से वाला व्यक्ति है। अपने अजीबोगरीब स्वभाव के कारण वह अचानक उकसावे पर या छोटी-छोटी बातों पर लोगों से लड़ाई-झगड़ा करने लगा। उसने साल 2004 में मारपीट में एक व्यक्ति को चाकू मार दिया था। इसके बाद उसे जेल भेज दिया गया था। जेल से बाहर आने के बाद वह आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों से जुड़ गया और इलाके के संपन्न लोगों से रंगदारी मांगने लगा। वर्तमान में वह दिल्ली-एनसीआर का बेहद खूंखार और कुख्यात अपराधी है। वह पिछले 15 वर्षों के दौरान दिल्ली, हरियाणा, यूपी, राजस्थान और महाराष्ट्र में हत्या, हत्या के प्रयास, जबरन वसूली, हमला, दंगा, आपराधिक धमकी, आर्म्स एक्ट आदि सहित दो दर्जन से अधिक मामलों में शामिल पाया गया है। वह सिर्फ रंगदारी मांगने के 10 से ज्यादा मामलों में शामिल है। अजय गुर्जर ने हरियाणा और राजस्थान में रंगदारी के लिए गोलीबारी की घटनाओं को अंजाम दिया और वर्ष 2008 से 2010 के बीच इन मामलों में वॉन्टेड बन गया।
दाऊद के भाई छोटा शकील के बहनोई संग बढ़ाए रिश्ते
अंडरवर्ल्ड से संबंध रखने वाले अजय गुर्जर के चचेरे भाई जे.पी. गुर्जर ने उसे मुंबई के एक खूंखार गैंगस्टर हाफिज बलूच के पास भेज दिया था। गौरतलब है कि हाफिज बलूच ने अपने साथियों के साथ मिलकर साल 2008 में जुबैर पटेल उर्फ कात्या डॉन की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हत्या के बाद हाफिज बलूच मुंबई से आया और अजय गुर्जर और उसके चचेरे भाई जेपी गुर्जर के घर में रहा। जबरन वसूली के कई घटनाओं के बाद अजय गुर्जर भी मुंबई चला गया और हाफिज बलूच के घर में रहने लगा।
अजय गुर्जर हाफिज बलूच और अंडरवर्ल्ड के अन्य गैंगस्टरों की शानदार जीवनशैली से काफी प्रभावित था। उसने उनकी जीवनशैली का पालन करना शुरू कर दिया। इसके बाद से अजय गुर्जर के मुंबई में चार कुख्यात अंडरवर्ल्ड गैंगस्टरों हाफिज बलूच, इकबाल इब्राहिम कास्कर, सुभाष ठाकुर और आरिफ जान (छोटा शकील के बहनोई) के साथ मजबूत अंडरवर्ल्ड संबंध हैं। हाफिज बलूच द्वारा ही अजय गुर्जर को भाई जी कोड नाम दिया गया था और उसने उनके साथ काम करना शुरू कर दिया था।
हाफिज बलूच ने ही वर्ष 2010 में दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल इब्राहिम कासकर के साथ अजय गुर्जर का परिचय कराया था। इसके एक साल बाद, हाफिज बलूच द्वारा अजय गुर्जर को छोटा शकील के बहनोई आरिफ जान से मिलवाया गया। इकबाल इब्राहिम कासकर ने अजय गुर्जर को यूपी और मुंबई के एक और कुख्यात गैंगस्टर सुभाष ठाकुर से भी मिलवाया था। अजय गुर्जर वर्ष 2018 से पहले मुंबई के चार से अधिक गैंगस्टरों के लगातार संपर्क में रहा, जब उसे हरियाणा पुलिस ने उपरोक्त जबरन वसूली के मामलों में गिरफ्तार किया था।
गैंगस्टर्स की बैकएंड टीमों में रहा शामिल
अजय गुर्जर ने खुलासा किया है कि वह कुख्यात गैंगस्टर्स सुभाष ठाकुर और हाफिज बलूच की बैकएंड टीमों का हिस्सा बना रहा, जिन्होंने गैंगवार में मुंबई में अपने प्रतिद्वंद्वियों के सदस्यों की कई हत्याएं की थीं, लेकिन सुभाष ठाकुर ने इन अपराधों में अजय का नाम कभी नहीं बताया। अजय गुर्जर ने सुभाष ठाकुर सहित अपने सहयोगियों के साथ वर्ष 2008 से 2018 के बीच हरियाणा और राजस्थान में व्यवसायियों, डॉक्टरों, एक पार्षद, हरियाणा के दो पूर्व मंत्रियों और उनके रिश्तेदारों सहित प्रमुख व्यक्तियों से भारी मात्रा में रंगदारी की मांग की थी।
नेताओं से भी मांग चुका है रंगदारी
इतना ही नहीं, अजय गुर्जर ने हरियाणा के पूर्व मंत्रियों करण सिंह दलाल के भतीजे और शिवचरण लाल शर्मा और पलवल के एक पार्षद चंडी राम गुप्ता पर वर्ष 2012 में जबरन वसूली के लिए गोलियां चलाई थीं। गोलीबारी और रंगदारी के इन सभी मामलों में अजय को अंततः वर्ष 2018 में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन तब अजय गुर्जर ने उसे बचाने के किसी भी मामले में सुभाष ठाकुर या हाफिज बलूच जैसे नामों का खुलासा नहीं किया था। अजय गुर्जर करीब 10 महीने पहले जेल से छूटकर आया था। उसने खुलासा किया है कि सुभाष ठाकुर ने उसे वर्ष 2018 में गिरफ्तारी से पहले पलवल इलाके में बढ़ते रियल एस्टेट कारोबार में अपना पैसा निवेश करने के लिए भी कहा था। अजय गुर्जर ने अपने साथियों की मदद से चार राज्यों हरियाणा, राजस्थान, यूपी और महाराष्ट्र में कई सनसनीखेज और जघन्य अपराध किए थे।