जेल में बंद कन्नौज के इत्र कारोबारी पीयूष जैन से गुरुवार को डिप्टी डायरेक्टर डीजीजीआई अहमदाबाद की टीम ने जेल में चार घंटे पूछताछ की। कुछ सवालों के उसने गोलमोल जवाब दिए। ज्यादातर सवालों के जवाब में उसने जानकारी न होने की बात कही। पीयूष से शुक्रवार व शनिवार को भी पूछताछ होगी।
पीयूष जैन के कानपुर घर से बरामद 177 करोड़ रुपये के बारे में पूछताछ करने के लिए डिप्टी डायरेक्टर डीजीजीआई अहमदाबाद की टीम ने एसीएमएम द्वितीय की कोर्ट से अनुमति मांगी थी। बुधवार को कोर्ट ने गुरुवार से शनिवार तक पूछताछ और जेल में लैपटॉप व प्रिंटर ले जाने की अनुमति दी थी। उसी आदेश पर टीम दोपहर में जेल पहुंची। बैरक में ही एक अलग स्थान की व्यवस्था कर दी गई थी। वहां से बंदियों को हटा दिया गया था। वहां पर टीम ने पीयूष जैन से पूछताछ की। कई सवाल दागे।
टीम ने उनसे कारोबार, जीएसटी सर्टिफिकेट, बरामद धन के स्रोत आदि के बारे में जानकारी जुटाई और लौट गई। टीम के सवालों का पीयूष ने ठीक से जवाब नहीं दिया। जीएसटी के विशेष लोक अभियोजक अम्बरीश टंडन ने बताया कि लगातार टीम पीयूष से बरामद रुपये के बारे में सवाल कर दी है। अहम जानकारी व बयान दर्ज कर रही है।
पैसे के बारे में नहीं दी जानकारी
विशेष लोक अभियोजक के मुताबिक फिलहाल पीयूष ने धन के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। वह बार-बार दीवार की ओर देखते हुआ सोचने लगता था। पैसा किस बैंक से आया और कैसे रखा गया से लेकर ट्रांसपोर्टर व पान मसाला कारोबारियों से संबंध के बारे में कुछ भी नहीं बताया।
पीयूष की गिरफ्तारी के साक्ष्य मांगे
पीयूष जैन के अधिवक्ता सुधीर मालवीय और चिन्मय पाठक ने एसीएमएम द्वितीय की कोर्ट में एक अर्जी देकर पीयूष को जेल के अंदर रखने के साक्ष्य मांगे। इस पर कोर्ट ने नियमानुसार कार्रवाई करने का आदेश दिया है। अधिवक्ता चिन्मय पाठक ने इसकी पुष्टि की।