मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाने वाली ‘बुल्ली बाई’ ऐप को बनाने वालों के खिलाफ पुलिस को कार्रवाई का निर्देश देते हुए महाराष्ट्र सरकार के मंत्री सतेज (बंटी) पाटिल ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि अभी तक ‘सुल्ली डील्स’ ऐप पर कोई ऐक्शन क्यों नहीं लिया गया है। इस ऐप पर भी मुस्लिम महिलाओं की ठीक वैसे ही नीलामी की जा रही थी जैसे बुल्ली बाई ऐप पर।
महाराष्ट्र पुलिस ने बुल्लीबाई ऐप बनाने वालों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पाटिल ने केंद्रीय सूचना एवं तकनीकी मंत्री अश्विनी वैष्णव से सवाल किया कि जून 2021 में सामने आए सुल्ली डील्स मामले को लेकर अभी तक कोई ऐक्शन क्यों नहीं लिया गया है।
इतना ही नहीं महाराष्ट्र के मंत्री ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा, ‘क्या इस मामले में शामिल प्लेटफॉर्मों को केंद्र सरकार द्वारा सूचित किया गया था? इन सभी प्लेटफॉर्मों के मुख्यालय भारत से बाहर हैं। ऐसे में डेटा ट्रांसफर के लिए हमारे पास क्या प्रावधान है?’
पाटिल ने कहा कि बीते साल केंद्र सरकार डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्मों के नियमन के लिए विवादित कानून लाई थी, लेकिन महिलाओं और बच्चों के खिलाफ इस तरह के मामलों में उस कानून का इस्तेमाल न किया जाए, तो ये कानून किस काम का है?
बता दें कि बुल्लीबाई एप पर बिना अनुमति के मुस्लिम महिलाओं की फोटो अपलोड की गई हैं। साथ ही उनकी फोटो के साथ प्राइस टैग लगाकर डील ऑफ द डे लिखा गया है। इससे पहले पिछले साल इससे मिलते-जुलते नाम वाला ‘सुल्ली डील्स’नाम का ऐप भी विवादों में घिर गया था। इसे भी गिटहब पर ही बनाया गया था। इस ऐप पर भी मुस्लिम महिलाओं की फोटो उनके सोशल मीडिया अकाउंट से उठाकर अपलोड कर दी गई थीं। बाद में विवाद के बाद इस ऐप को हटा दिया गया था। बुल्ली बाई ऐप भी काफी हद तक सुल्ली बाई ऐप की तरह ही है। यहां पर भी मुस्लिम महिलाओं की फोटो लगाई गई है। महिलाओं की फोटो के साथ प्राइस टैग भी लिखा हुआ है।