कम से कम सौ प्रभावशाली मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें ‘बुल्ली बाई’ ऐप (‘Bulli Bai’ App) पर अपलोड किए जाने पर मचे बवाल के बीच राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने दिल्ली पुलिस को पत्र लिखकर इस मामले में तेजी से कार्रवाई करने को कहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस तरह के अपराध की पुनरावृत्ति नहीं हो। सोशल मीडिया यूजर्स और महिला अधिकार समूहों ने इस विषय पर रोष व्यक्त किया है।
‘बुल्ली बाई’ ऐप पर तस्वीरें अपलोड करने की घटना पिछले वर्ष जुलाई में ”सुल्ली डील्स” पर तस्वीरें अपलोड करने के समान है। दोनों ऐप एक जैसा ही काम करते हैं। ऐप को खोलने पर एक मुस्लिम महिला की तस्वीर बुल्ली बाई के तौर पर प्रकट होती है। ट्विटर पर अधिक फॉलोवर वाली मुस्लिम महिलाओं, जिनमें पत्रकार भी शामिल है, की चुनिंदा तरीके से (उनकी) तस्वीरें अपलोड की गई हैं।
आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने उस महिला पत्रकार के ट्वीट का संज्ञान लिया, जिनकी तस्वीर ऐप में उपयोग की गई। महिला पत्रकार ने इस बाबत दिल्ली पुलिस की साइबर शाखा के समक्ष शिकायत दर्ज कराई है।
एनसीडब्ल्यू ने ट्वीट किया कि राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस घटना का संज्ञान लिया है। (आयोग की) अध्यक्ष रेखा शर्मा ने इस मामले में तत्काल एफआईआर दर्ज करने के लिए दिल्ली पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखा है। कार्रवाई में तेजी लायी जानी चाहिए ताकि इस तरह के अपराध की पुनरावृत्ति नहीं हो।
महिला आयोग ने अन्य ट्वीट में कहा कि दोनों मामलों में की गई कार्रवाई के बारे में जल्द से जल्द आयोग को सूचित किया जाए।
ऑल इंडिया प्रोगरेसिव वुमंस एसोसिएशन ने पीड़िताओं के साथ एकजुटता प्रदर्शित की और आरोप लगाया कि इस घटना के पीछे हिंदू वर्चस्ववादी का हाथ है।
महिला अधिकार कार्यकर्ता शबनम हाशमी ने सवाल किया कि बहुसंख्यक कब तक मूकदर्शक बने रहेंगे या सभी धर्मनिरपेक्ष लोग मानसिक और शारीरिक रूप से मृत हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि आक्रोश कहां है? ट्विटर पर भी कई लोगों ने इस मुद्दे को उठाया है। कई आम लोगों ने भी सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को उठाते हुए सरकार और पुलिस पर निशाना साधा है।