कुख्यात गैंगेस्टर अयूब खान की गिरफ्तारी के बाद सीवान से अगवा तीन युवकों के बारे में खुलासा होने की उम्मीद है। अयूब खान का नाम गिरफ्तार संदीप से पूछताछ के बाद सामने आया था। इसके बाद से पुलिस लगातार उस पर नजर बनाए हुए थी।
गौरतलब है कि लापता होने के दिन तीनों युवकों रामनगर के आंदर ढाला निवासी विशाल सिंह, जीरादेई के भलुआ निवासी परमेंद्र सिंह व पैगम्बरपुर निवासी अंशु सिंह के साथ उनका मित्र संदीप भी बड़हरिया गया हुआ था। हालांकि संदीप घर लौट आया जबकि तीनों युवक अबतक घर नहीं लौट सके हैं। अयूब पिछले कुछ महीनों से बिहार से बाहर छुपा था। जानकारी के मुताबिक उसने अपना ठिकाना गंगटोक में बना रखा था। तीन युवकों को अगवा करने की घटना के बाद एसटीएफ को उसकी गिरफ्तारी का टास्क सौंपा गया था। एसटीएफ को जानकारी मिली कि वह गंगटोक में छुपा बैठा है। इसपर एक विशेष टीम को वहां के लिए रवाना किया गया। इसी बीच पता चला कि वह बिहार के लिए चल पड़ा है।
कुख्यात अयूब खान को पूर्णिया के वायसी से दबोचा गया। सीवान के रहनेवाले इस गैंगस्टर पर बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश और ओडिशा में भी मामले दर्ज हैं। हाल में ही उसे अपने सहयोगियों के साथ मिलकर सीवान के रहनेवाले अंशु सिंह, विशाल कुमार सिंह और परवेन्द्र यादव को अगवा किया था। अभी तक इन युवकों का कोई अता-पता नहीं मिला है।
गंगटोक से लौट रहा था बिहार
विशाल सिंह, अंशु सिंह और विशाल के गाड़ी का ड्राईवर परमेंद्र व शहर के शुक्लाटोली निवासी संदीप सभी एक साथ बड़हरिया के बीबी के बंगरा गांव निवासी मंसूर मियां के घर गए थे।
अयूब पर साढ़े तीन दर्जन से ज्यादा मामले
अयूब खान पर एक दो नहीं बल्कि 43 मामले दर्ज हैं। वह वर्ष 1990 से आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहा है। लूट, डकैती, अपहरण, हत्या के प्रयास, रंगदारी और हत्या जैसे संगीन घटनाओं को उसने अंजाम दिया। सीवान में दर्जनों मामलों के अलावा उत्तर प्रदेश और ओडिशा में भी उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज है। अयूब की गिरफ्तारी के बाद सीवान नगर थाना क्षेत्र से नवम्बर में अगवा किए गए अंशु सिंह, विशाल सिंह और परवेन्द्र यादव के अपहरण की गुत्थी सुलझने की संभावना है। बताया जाता है कि पहले ये युवक अयूब और रईस के गैंग से ही जुड़े थे। बाद में उन्होंने अलग रास्ता अख्तियार करने का मन बनाया तो उन्हें गायब कर दिया गया।
एसपी ने बतायी थी सबूत की बात
सात नवंबर से रहस्यमय तरीके से लापता तीन युवकों के मामले में पुलिस लगातार अनुसंधान में जुटी थी। जांच के दौरान मिले इनपुट के आधार पर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है। 23 दिसंबर को एसपी शैलेश कुमार सिन्हा ने तीन युवकों के लापता कांड से जुड़ा एक सबूत हाथ लगने की बात बतायी थी।
15 से अधिक लोग पहले से थे मौजूद
संदीप ने पूछताछ में बताया कि बीबी के बंगरा जब पहुंचे तो पहले से ही वहां 15 से अधिक लोग मौजूद थे। उनमें अयूब खान, अमरेंद्र शर्मा, अमन, जुनैद, राजू, छोटा राजू, असरफ, महफूज, नसरू, डायमंड, असरफ व मुजफ्फरपुर के पांच लोग व अन्य कई लोग मौजूद थे।
पुलिस के अनुसार विवाद का मुख्य कारण कॉल रिकार्डिंग
पुलिस के अनुसार संदीप ने पूछताछ में बताया कि विशाल सिंह और अयूब खान के बीच अच्छी बनती थी। अयूब खान ने ही विशाल को काली स्कार्पियो गाड़ी खरीदकर दी थी। लेकिन, समय बीतने के साथ विशाल सिंह बेईमानी पर उतर आया और अयूब खान के नाम पर अलग से रंगदारी वसूलने लगा।