आरटीआई कार्यकर्ता अमराराम ने रविवार को अपना अनिश्चिकालीन अनशन समाप्त कर दिया। बाड़मेर जिला कलेक्टर और एसपी द्वारा निष्पक्ष और त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिए जाने के बाद पीड़ित ने अपना अनशन वापस ले लिया। जोधरपुर के एमडीएम अस्पताल में भर्ती पीड़ित को उसके पिता ज्यूस पिलाकर अनशन खत्म करवाया। गौरतलब है कि अपने साथ हुई बर्रबरता के मामले में ठोस कार्रवाई नहीं होने से नाराज अमराराम ने शुक्रवार रात से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी थी। पीड़ित का आरोप था कि पुलिस मामले के मुख्य आरोपियों को बचाने में लगी है। भूख हड़ताल शुरू करने से पूर्व पीड़ित ने पुलिस से 24 घंटे में मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की थी। लेकिन ऐसा नहीं होने होने के बाद शुक्रवार देर रात से ही बेमियादी भूख हड़ताल शुरू कर दी।
आरटीआई कार्यकर्ता से 21 दिसंबर को की थी मारपीट
गौरतलब है कि बाड़मेर के थाना गिड़ा इलाके में 21 दिसंबर को आरटीआई कार्यकर्ता अमराराम जाट के साथ कुछ असमाजिक तत्वों ने मारपीट की थी। जिसके बाद घायल अमराराम जाट को जोधपुर के एमडीएम अस्पताल में भर्ती कराया था। विभिन्न सामाजिक संगठनों के दबाव के बाद गहलोत सरकार ने मामले की जांच सीआईडी-सीबी से कराने का निर्णय लिया। मामले की जांच चल रही है। पुलिस ने घटना में शामिल 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। सरकार ने गिड़ा थाने के एक कांस्टेबल को भी निलंबित कर दिया। जबकि थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया। आरटीआई कार्यकर्ता पर हमले को लेकर सीएम गहलोत ने तत्काल निर्णय लिया। अस्पताल में भर्ती अमराराम का हालचाल जानने के लिए कलेक्टर को भेजा। सीएम ने कड़े शब्दों में घटना की निंदा की।
बाड़मेर कलेक्टर-एसपी ने फोन पर की बात
रविवार को बाड़मेर जिला कलेक्टर और एसपी अमराराम से फोन पर बात की। दोनों अधिकारियों ने अमराराम को घटना की जांच निष्पक्ष तरीके से कराने और त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया। जिसके बाद पीड़ित ने अपना अनशन वापस ले लिया। अधिकारियों के साथ ही उसके परिजनों और एसडीएम अस्पताल के चिकित्सकों ने अमराराम को अनशन समाप्त करने की सलाह दी थी। जिसके बाद अमराराम ने अपना अनशन समाप्त कर दिया। उसके पिता ने ज्यूस पिलाकर अनशन समाप्त करवाया।