कोविड वैक्सीनेशन की सेकेंड डोज के नाम पर साइबर फ्रॉड कर खाते से निकासी का फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है। सारण में इस फर्जीवाड़े के शिकार हुए लोगों का मामला सामने आने पर होश उड़ गए हैं। साइबर फ्रॉड लोगों की गाढी कमाई का पैसा उड़ाने के लिए आए दिन नए- नए तरीके अपना रहे हैं। पीड़ित लोगों का कहना है कि फोन पर कॉल कर कोरोना सेकेंड डोज वेरिफिकेशन के नाम पर ओटीपी भेज कन्फर्म करने की बात कही जा रही है।
अपराधी अपनाते तरीके
● वेरिफिकेशन के नाम पर ओटीपी भेज कंफर्म करने की कर रहे बात
● स्वास्थ्य विभाग की भी मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता
ओटीपी कन्फर्म करने पर खातों से रुपये उड़ा दिए जा रहे हैं। साइबर अपराधी कॉल कर यह भी बोल रहे हैं कि आपके परिवार में अन्य लोगों के कोरोना की सेकेंड डोज का टीका बाकी है। इसके वेरिफिकेशन के लिए मोबाइल पर भेजे गए ओटीपी के कन्फर्म होने के बाद लोगों का चूना लग रहा है।
विभाग की भी मिलीभगत
इस मामले में स्वास्थ विभाग की भी मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता। पीड़ित लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग से मिलकर साइबर फ्रॉड डाटा को लीक कर रहे हैं। उसके माध्यम से ही लोगों को कॉल कर उनकी कमाई को लूटा जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, सीएसपी तकनीक का भी दुरुपयोग साइबर अपराधी कर रहे हैं। खाते से आधार नंबर लिंक होने के कारण उन्हें रुपए निकालने में आसानी हो रही है।
साइबर ठग कैसे कर रहे हैं ठगी
पूरी दुनिया में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है। अभी तक अपने अकाउंट को सेफ रखने के लिए ओटीपी एसएमएस वेरिफिकेशन का सबसे सुरक्षित जरिया माना जाता है। बैंक से लेकर डिजिटल पेमेंट तक सभी में लॉग इन करने, ट्रांजेक्शन करने या फंड ट्रांसफर करने के लिए ओटीपी मैसेज जरूरी हैं। बैंक खाता आधार से जुड़ा रहता है। सीएसपी के आधार में सेंधमारी कर साइबर क्रिमिनल ओटीपी के जरिए लोगों को निशाना बना रहे है।