फिलीपींस भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल प्रणाली के लिए पहला विदेशी ग्राहक बनने को तैयार है। मनीला सरकार ने ब्रह्मोस मिसाइल के लिए शुरू में 410 करोड़ रुपये का पेमेंट किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी के कारण इस डील में देरी हो रही थी।
दिसंबर 2019 से चल रही थी बात
फिलीपींस नौसेना ने अधिग्रहण प्रक्रिया के तहत इस महीने की शुरुआत में हैदराबाद में ब्रह्मोस एयरोस्पेस की उत्पादन इकाई का दौरा किया था। बता दें कि हैदराबाद का ब्रह्मोस इंटीग्रेशन कॉम्प्लेक्स मैकेनिकल सिस्टम एकीकरण और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को असेंबल करने के लिए जिम्मेदार है।
दिसंबर 2019 में ऐसी रिपोर्ट्स थी कि फिलीपींस ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम खरीदने वाला पहला देश बनने के लिए तैयार है। दोनों पक्ष 2021 की शुरुआत में राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते की प्रस्तावित यात्रा के दौरान एक समझौते पर हस्ताक्षर करने को तैयार थे, लेकिन महामारी के कारण इसमें दिक्कतें आईं।
2025 तक 5 अरब डॉलर का रक्षा निर्यात लक्ष्य
भारत ने रक्षा खरीद के लिए फिलीपींस को 100 मिलियन डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट की पेशकश की थी। भारत हाल के सालों में थाईलैंड, इंडोनेशिया और वियतनाम सहित कई दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ बातचीत कर रहा है ताकि उन्हें ब्रह्मोस के जमीन और समुद्र आधारित संस्करण बेचे जा सकें। नई दिल्ली ने 2025 तक 5 अरब डॉलर का रक्षा निर्यात हासिल करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है।
साउथ चाइना सी में चीन को घेरने की तैयारी
साउथ चाइना सी में चीन की बढ़ती दादागिरी से फिलीपींस सहित दक्षिणी पूर्वी एशियाई देश परेशान रहे हैं। हाल ही में दक्षिणी पूर्वी एशियाई देशों ने चीन को जवाब देने की ठानी है। पांच देश- फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ब्रूनेई और इंडोनेशिया ने मिलकर एक गठबंधन बनाने की बात कही है। ये गठबंधन साउथ चाइना सी में आक्रमक चीन को जवाब देने के लिए है। ऐसे में फिलीपींस जैसे देश ब्रह्मोस जैसे मिसाइल से और ज्यादा मजबूत होंगे।