उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और समाजवादी पार्टी (एसपी) में टकराव बढ़ता जा रहा है। पीएम मोदी और बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह ने भी यूपी में ताबड़तोड़ रैलियां शुरू कर दी हैं। पार्टी जल्द ही केंद्रीय मंत्रियों, बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अन्य बड़े नेताओं को मैदान में उतार सकती है। ऐसे में अब अखिलेश यादव ने ममता बनर्जी वाला दांव चल दिया है। जिस तरह पश्चिम बंगाल में टीएमसी ने ‘बाहरी बनाम बंगाल की बेटी’ का नारा देकर बीजेपी को रोकने में सफलता पाई थी, उसी तरह अब सपा भी ‘बाहरी बनाम यूपी’ के जरिए ‘मोदी-शाह’ की काट निकालने में जुटी है।
दरअसल, बीजेपी का यूपी में अपना काडर तो मजबूत है ही, लेकिन इसके बावजूद पार्टी कश्मीर से गोवा तक के बड़े नेताओं को दूसरे राज्यों में प्रचार के लिए भेजती है। इतनी ‘बड़ी फौज’ का मुकाबला करना क्षेत्रीय दलों के लिए कठिन हो जाता है। इसके अलावा पीएम मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह जैसे बड़े नेताओं के सहारे पार्टी के प्रति समर्थन बढ़ाने में कामयाब होती है। यही वजह है कि बंगाल में भी जब बीजेपी ऐसा किया तो तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने बाहरी बनाम ‘बंगाल की बेटी’ का नारा बुलंद किया। यही नहीं, कई मौकों पर तो उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली से चुनाव प्रचार के लिए आने वाले नेताओं पर रोक लगनी चाहिए। इसके लिए उन्होंने कोरोना के प्रसार का भी हवाला दिया था।
ममता की राह पर अखिलेश?
बंगाल में टीएमसी को प्रचंड बहुमत दिलाने वाले ‘खेला होबे’ की सफलता के बाद समाजवादी पार्टी ने इस नारे को अपनाने में देर नहीं की। ‘यूपी में खेला होई’ के नारे और पोस्टरों ने साफ कर दिया था कि समाजवादी पार्टी ममता के उन मंत्रों को आजमा सकते हैं, जिनके सहारे दीदी ने बीजेपी का मुकाबला किया। अब एक और कदम बढ़ाते हुए अखिलेश यादव ने अमित शाह को ‘बाहरी खिलाड़ी’ बताया है।
बाहर के नॉन-प्लेयिंग खिलाड़ियों से मैच नहीं: अखिलेश
यूपी विधानसभा चुनाव में जीत से बीजेपी का चौका लगने का दावा करने वाले अमित शाह को जवाब देते हुए अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ”चौका लगाने की बात करनेवालों की गेंद उप्रवाले स्टेडियम से बाहर करने को तैयार बैठे हैं। उनको खेलने के लिए 11 लोग भी नहीं मिलेंगे और बाहर के नॉन-प्लेयिंग खिलाड़ियों से मैच नहीं खेले जाते हैं। जनता कह रही है, वो बस इतना बता दें कि मैच ‘हाथरस’ में खेलना चाहते हैं या ‘लखीमपुर’ में?”
मोदी-शाह नहीं, अखिलेश के निशाने पर योगी
हाल के चुनाव प्रचार अभियानों में यह देखा गया है कि अखिलेश यादव मोदी सरकार पर बहुत कम या ना के बराबर बोलते हैं। वह निशाने पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ही रख रहे हैं। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, अखिलेश ऐसा सोची-समझी रणनीति के तहत कर रहे हैं। वह जानते हैं कि मोदी की लोकप्रियता अब भी कायम है और दूसरे जिन राज्यों में मोदी के चेहरे पर चुनाव हुआ वहां बीजेपी को अधिक फायदा हुआ। इसलिए अखिलेश चाहते हैं कि यूपी में चुनाव योगी सरकार के कामकाज के ईर्द-गिर्द ही रहे। यह वजह है कि अखिलेश ने कहा कि वह ‘ बाहर के नॉन-प्लेयिंग खिलाड़ियों’ से मैच नहीं चाहते।