महाराष्ट्र सरकार ने संकेत दिया है कि वो महात्मा गांधी की हत्या के लिए नाथूराम गोडसे की प्रशंसा करने वाले संत कालीचरण महाराज के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सकती है। रविवार को छत्तीसगढ़ में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम (धर्म संसद) में कालीचरण ने महात्मा गांधी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। कालीचरण की ओर से महात्मा गांधी को लेकर की गई टिप्पणी की महंत राम सुंदर दास ने निंदा की है, जिन्होंने खुद को इस धर्म संसद से अलग कर लिया था।
संत कालीचरण की ओर से की गई टिप्पणी का मुद्दा सोमवार को राज्य के विधानसभा में भी उठा। राज्य के अल्पसंख्यक विकास मंत्री नवाब मलिक ने इस मुद्दे को उठाते हुए कालीचरण के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। विधानसभा में इसका सभी पार्टी लाइन के विधायकों ने समर्थन भी किया। संत कालीचरण जो कि महाराष्ट्र के अकोला के रहने वाले हैं।
विधानसभा में मलिक ने कालीचरण को ‘फर्जी बाबा’ करार देते हुए कहा कि उन्होंने गांधी और उनकी विचारधारा को ठेस पहुंचाया है और उनके हत्यारे की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि संत कालीचरण के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज किया जाना चाहिए और उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
मलिग केस दर्ज करने की मांग करते हुए कहा कि इस प्रकार हम देश और दुनिया को एक संदेश देंगे कि महात्मा गांधी को गाली देने की कोई भी कोशिश भारत की 100 से अधिक से की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी। मलिक ने कहा कि पिछले कुछ सालों से गोडसे को व्हाइटवाश करने की कोशिश की जा रही है और उनकी याद में एक मंदिर भी बना दिया गया है।
बीजेपी नेता ने भी की टिप्पणी की निंदा
वहीं, कालीचरण के बयान पर बीजेपी के सीनियर नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि वे राष्ट्रपिता के खिलाफ अभद्र भाषा के इस्तेमाल की निंदा करते हैं। हालांकि, उन्होंने मलिक पर पलटवार करते हुए कहा वो खुद एक मंत्री हैं और वो कार्रवाई करने के लिए जिम्मेदार हैं। मुनगंटीवार ने पूछा की कालीचरम को अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया।
डिप्टी सीएम बोले-गड़बड़ी मिलने पर होगी कार्रवाई
वहीं, कांग्रेस नेता नाना पटोले ने कालीचरण को राष्ट्र विरोधी बताते हुए कहा कि संत के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। राज्य के डिप्टी सीएम अजीत पवार ने कहा कि सरकार इस बारे में जानकारी मांगेगी और अगर कोई गड़बड़ी पाई गई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कांग्रेस के पूर्व सांसद संजय निरुपम ने भी कालीचरण के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए ट्वीट करते हुए महात्मा के खिलाफ संत के बयान को एक अक्षम्य पाप बताया है। बता दें कि कालीचरण के खिलाफ छत्तीसगढ़ में केस दर्ज किया गया है।
कालीचरण के बचपन का नाम था अभिजीत धनंजय
महाराष्ट्र के अकोला के रहने वाले कालीचरण महाराज का नाम पहले अभिजीत धनंजय सारग था। 40 साल के कालीचरण के पिता राज्य के कृषि विभास से रिटायर हो चुके हैं और उनके भाई अकोला कस्बे में ही एख मेडिकल शॉप चलाते हैं। कालीचरण को शिव तांडव गायन के लिए भी जाना जाता है। कालीचरण का हिंदू राइव विंग के कई संगठन से टाइअप भी है।