खुशबू के कारोबार की काली कमाई का जखीरा बरामद करने के लिए विजिलेंस की टीम ने कानपुर से लेकर कन्नौज तक सर्च ऑपरेशन में जुटी है। कानपुर में तो दो दिनों की पड़ताल में करोड़ों की रकम बरामद हो गई है। कन्नौज में भी इसी तरह का खजाना होने की गुंजाइश के तहत पिछले 36 घंटे से तलाशी अभियान जारी है। खजाना हासिल करने के लिए विजिलेंस की टीम को ताला तोड़ने के कारीगर, हथौड़ा, गैस कटर और वेल्डिंग मशीन की मदद लेनी पड़ रही है।
इत्र कारोबारी पीयूष जैन के गुप्त खजाने में कितनी रकम का भंडार है, इसे पता करने के लिए अहमदाबाद से आई जीएसटी की विजिलेंस टीम के अफसर पिछले तीन दिनों से जुटे हैं। कन्नौज स्थित पैतृक आवास पर पिछले 36 घंटे से तलाश जारी है। शुक्रवार की शाम चार बजे से शुरू हुई जांच-पड़ताल शुक्रवार की रात के बाद शनिवार को पूरे दिन और पूरी रात चलती रही। जांच को लेकर अफसर कितने संजीदा हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि न सिर्फ कागजी गट्ठर तलाशे जा रहे हैं, बल्कि मकान के अंदर की अलमारियों, लॉकर, बक्से भी तलाशे जा रहे हैं। इन सभी का ताला आसानी से खुल रहा है तो ठीक नहीं तो दूसरा तरीका आजमाने में कोताही नहीं की जा रही है। टीम के सदस्य ताला तोड़ने के लिए अलग-अलग समय में कई कारीगरों को बुलवा चुके हैं। इसके अलावा अलग-अलग समय पर कई बार मकान के अंदर से हथौड़ा चलने की आवाज भी आती रही।
18 लॉकर और इतनी ही मिलीं अलमारियां, सभी की हुई तलाश
हालांकि विजिलेंस टीम की ओर से अधिकारिक रूप से कोई जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन अंदर से छनकर बाहर आई खबर के मुताबिक पीयूष जैन के मकान के अंदर रखे करीब डेढ़ दर्जन लॉकर की तलाश ली गई है। उनमें से जिनका ताला आसानी से नहीं खुल सका उनपर हथौड़े चलाने और गैस कटर के इस्तेमाल से परहेज नहीं किया गया।
कई झोलों में रखी मिलीं चाबियां, तालों में लगाना हुआ मुश्किल
विजिलेंस टीम को पीयूष जैन के मकान के अंदर अलग-अलग कई झोलों में चाबियां रखी मिलीं। ताला तोड़ने वाले एक कारीगर ने बताया कि करीब 300 चाबियां हैं। उन्हें लगाकर ताला खोलने में परेशानी हो रही है। जो ताला काफी कोशिश के बाद भी नहीं खुल रहा है, उनही को तोड़ने के लिए उन्हें बुलाया जाता है। शनिवार की दोपहर घर से बाहर निकले एक कारीगर ने बताया भी कि उसने तीन बड़े ताले तोड़े हैं। दो जगह कुंडा तोड़ा है। हालांकि उसे ज्यादा बोलने से विजिलेंस टीम ने मना कर दिया और अपने साथ ले गई।