विटामिन डी शरीर में कई जरूरी काम करता है। इनमें से कैल्शियम और फॉस्फोरस के अवशोषण के बारे में ज्यादातर जिक्र किया जाता है। हमारे इम्यून सिस्टम को ठीक से चलाने में भी विटामिन डी का बड़ा रोल होता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक विटामिन डी कई गंभीर बीमारियां होने से बचाता है साथ ही कई बीमारियों को सीरियस होने से भी रोकता है। कोरोना के दौरान कुछ रिसर्चेस सामने आईं जिनमें पाया गया कि आईसीयू पहुंचने वाले ज्यादातर मरीजों का विटामिन डी कम था। पहले भी कई शोध आ चुके हैं जिनमें पता चला है कि अस्थमा और फेफड़े की बीमारियों उनमें गंभीर रूप लेती हैं जिनका विटामिन डी कम होता है। इतना ही नहीं विटामिन डी आपको डिप्रेस होने से भी बचाता है।
शाकाहारी लोगों के लिए हैं कम ऑप्शंस
जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं हमारे शरीर मे कुछ माइक्रोन्यूट्रिएंट्स और विटामिन घटने लगते हैं। विटामिन डी भी इनमें से एक है। हमारा शरीर सूरज की रोशनी में विटामिन डी बनाता है। वहीं कुछ फूड सोर्सेज से भी हमें यह विटामिन मिलता है। हालांकि शाकाहारी लोगों के लिए खाने से विटामिन डी मिलने के ऑप्शंस बेहद कम हैं। यही वजह है कि भारत की बड़ी पॉप्युलेशन में विटामिन डी और विटामिन बी 12 की कमी होती है। दिक्कत वाली बात ये है कि यहां काफी लोग बिना ज्यादा बीमार हुए रुटीन ब्लड टेस्ट नहीं करवाते जिससे कमी का पता भी नहीं चल पाता। वहीं इन विटामिन्स के कम होने के खास लक्षण भी समझ नहीं आते।
पहचानें लक्षण
यहां कुछ लक्षण हैं जो विटामिन डी की कमी की ओर इशारा करते हैं। जैसे आपको हर वक्त थका महसूस होता है, सिर पर पसीना आता है, मन दुखी रहता है, मसल्स वीक हैं, वजन बढ़ रहा है, सीढ़ियां चढ़ने-उतरने या दौड़ने में पैर दुखने लगते हैं, खांसी ठीक होने में ज्यादा वक्त लेती है वगैरह। इनमें से कोई भी लक्षण दिखें तो डॉक्टर की सलाह पर विटामिन डी टेस्ट करवाएं। उनकी सलाह पर खाने की चीजें और सप्लिमेंट्स लिए जा सकते हैं। वैसे विटामिन डी का बेस्ट सोर्स धूप है। संतरे के जूस में भी विटामिन डी पाया जाता है।