पाकिस्तान के बलोचिस्तान क्षेत्र में महीने भर से अधिक से जारी विरोध-प्रदर्शन से चीन परेशान हो गया है। यह रिपोर्ट न्यूज एजेंसी एएनआई ने एज यूरोपीय थिंक टैंक के हवाले से दी है। बलोचिस्तान के ग्वादर में पिछले एक महीने से अधिक से ‘ग्वादर को हक दो’ आंदोलन जारी है। जमात-ए-इस्लामी के बलोचिस्तान महासचिव मौलाना हिदायत-उर-रहमान के नेतृत्व में यह विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है।
इस प्रदर्शन से व्यापारी भी जुड़े हुए हैं और ग्वादर को पाकिस्तान के आर्थिक केंद्र कराची से जोड़ने वाले सही हाईवे को बंद कर दिया गया है और वहां लोग धरने पर बैठे हुए हैं। विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि ग्वादर में चीनी लोगों को रोजगार दिए जाने से स्थानीय मछुआरे बेरोजगार हो गए हैं।
एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?
पाकिस्तान के बलोचिस्तान क्षेत्र में महीने भर से अधिक से जारी विरोध-प्रदर्शन से चीन परेशान हो गया है। यह रिपोर्ट न्यूज एजेंसी एएनआई ने एज यूरोपीय थिंक टैंक के हवाले से दी है। बलोचिस्तान के ग्वादर में पिछले एक महीने से अधिक से ‘ग्वादर को हक दो’ आंदोलन जारी है। जमात-ए-इस्लामी के बलोचिस्तान महासचिव मौलाना हिदायत-उर-रहमान के नेतृत्व में यह विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है।
इस प्रदर्शन से व्यापारी भी जुड़े हुए हैं और ग्वादर को पाकिस्तान के आर्थिक केंद्र कराची से जोड़ने वाले सही हाईवे को बंद कर दिया गया है और वहां लोग धरने पर बैठे हुए हैं। विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि ग्वादर में चीनी लोगों को रोजगार दिए जाने से स्थानीय मछुआरे बेरोजगार हो गए हैं।
तो ग्वादर के लोगों की मांग क्या हैं?
ग्वादर में हजारों बलोच लोग करीब पांच हफ्ते से विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। ये लोग ग्वादर के विकास के साथ ही साफ पानी की मांग कर रहे हैं। विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि 70 साल से अधिक बीत जाने के बाद भी हमें हमारे अधिकार नहीं दिए हैं। प्रदर्शनकारियों ने 19 मांगें रखी हैं, जिसमें समुद्र को ट्रॉलर माफिया से मुक्त करने के लिए कदम उठाना और मछुआरों को स्वतंत्र रूप से पानी में जाने की इजाजत देना शामिल है।
प्रदर्शनकारियों ने अनावश्यक चेक पोस्ट से छुटकारा पाने और सुरक्षा के नाम पर नागरिकों का अपमान नहीं करने की भी मांग रखी है। उन्होंने यह भी मांग की है कि ग्वादर में सभी शराब की दुकानों को बंद कर दी जाए। मांगों में यह भी कहा गया है कि चाइना ओवरसीज पोर्ट होल्डिंग कंपनी द्वारा नियोजित अधिकांश लोग ग्वादर के बाहर के हैं। ऐसे में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाए।