एक पान मसाला समूह से जुड़े छापों की कड़ी में गुरुवार को एक बड़े इत्र कारोबारी को भी जद में ले लिया गया। डीजीजीआई (डायरेक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस) टीम ने कारोबारी के सात ठिकानों पर छापे मारे। सूत्रों के मुताबिक छापों में करीब 150 करोड़ की अघोषित रकम का खुलासा हुआ है। 90 करोड़ रुपये नगद मिले हैं।
इसी क्रम में कन्नौज में एक घर सीज किया गया है। जो इत्र कारोबारी पीयूष जैन का है। कानपुर में नोट गिनने वाली चार मशीनें मंगाई गईं। देर रात तक टीमें छानबीन कर रही हैं। इत्र कारोबारी के कन्नौज स्थित तीन परिसरों, कानपुर में आवास, ऑफिस, पेट्रोल पंप व कोल्ड स्टोरेज पर जांच टीमों ने एक साथ छापे मारे।
अधिकारियों ने उनके मुंबई स्थित शोरूमों और आफिस में भी कार्रवाई की है। उनके साथ एक ट्रांसपोर्ट कंपनी के आवास और आफिसों में भी छापे मारे गए हैं। इस ट्रांसपोर्ट कंपनी का बड़ा व्यवसाय है और पान मसाले से जुड़ी कंपनियों से सीधा लिंक है। ट्रांसपोर्ट नगर और आनंदपुरी में बड़ी संख्या में दस्तावेज सीज किए गए हैं।
सुबह करीब 10:30 बजे डीजीजीआई की मुंबई और गुजरात विंग ने छापामारी शुरू की। सूत्रों के मुताबिक छापों में बड़ी मात्रा में फर्जी कंपनियों द्वारा कालाधन सफेद करने का मामला पकड़ा गया है। कम से कम 40 बोगस कंपनियां पकड़ी जा चुकी हैं। फर्जी कंपनियों के शेयरों के बेस प्राइस को कई गुना बढ़ाकर कालेधन को सफेद करने के प्रमाण मिले।
रात तक मशीनों ने गिने नोट
कारोबारी के घर पर मिली रकम का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विभाग को नोट गिनने के लिए चार मशीनें मंगवानी पड़ीं। यह मशीनें देर रात तक उनके आवास पर ही थीं। जांच में यह भी सामने आया है कि कारोबारी की दो कंपनियां अरब देशों में हैं। छह कंपनियां देश में पंजीकृत हैं। कानपुर में आवास और कन्नौज में इत्र का कारोबार होने के बाद भी कारोबार का मुख्य सेंटर मुंबई है।