लंदन के क्वीन मैरी विश्वविद्यालय की ओर से हाल ही में किए गए एक अध्ययन में खुलासा किया गया है कि दिल की बीमारियां उसके (दिल) आकार पर निर्भर करती हैं। यह अध्ययन फ्रंटियर्स इन कार्डियोवस्कुलर मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित हुआ।
करीब 30 हजार लोगों के हृदय की जांच
अध्ययन के मुताबिक, पुरुषों में मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और हृदय संबंधी बीमारियां उसकी बनावट पर निर्भर करते हैं। शोधकर्ताओं ने बताया कि दिल के आकार और उसकी बनावट को लेकर गहन अध्ययन किया गया। इतना ही नहीं शोधकर्ताओं ने बार्सिलोना विश्वविद्यालय के सहयोग से विकसित रेडियोमिक्स नामक एक नए टूलकिट का उपयोग करके यूके बायोबैंक के करीब 30 हजार लोगों के हृदय की जांच की। इस दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों का दिल बड़ा पाया गया। साथ ही हृदय की मांसपेशियां चिकनी और कम जटिल पाई गईं।
हृदय रोगियों और स्वस्थ लोगों के दिलों की बनावट में अंतर संबंध
क्वीन मैरी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर व अध्ययन के प्रमुख लेखक डॉ. जहरा रायसी-एस्टाब्राग का कहना है कि अध्ययन के निष्कर्ष बताते हैं कि हृदय रोगियों और स्वस्थ लोगों के दिलों की बनावट और संरचना में अंतर संबंध मिला है। साथ ही महिलाओं की तुलना में पुरुषों के दिल का आकार भिन्न था। शोध के निष्कर्ष हृदय रोग का तेज और सटीक निदान कर सकते हैं।
हृदय की मांसपेशियों में परिवर्तन का दिल के दौरे से संबंध
जहरा रायसी का कहना है कि एमआरआई स्कैन में अपने नए टूलकिट का इस्तेमाल करके शोधकर्ता मौजूदा मानक तकनीकों का उपयोग करके हृदय की संरचना और बनावट को कहीं अधिक विस्तार से देखने में सक्षम थे। उन्होंने कहा कि शोधकर्ता अब इस बात की खोज कर रहे हैं कि क्या हृदय की मांसपेशियों में देखे गए परिवर्तन हृदय की महत्वपूर्ण समस्याओं जैसे दिल के दौरे के उच्च जोखिम में तब्दील हो जाते हैं।