यूक्रेन को लेकर रूस और अमेरिका के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है। इस बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन और नाटो को लेकर अपनी बात रखी है। उन्होंने सालाना प्रेस कांफ्रेस में कहा है कि रूस यूक्रेन या पश्चिमी देशों के साथ संघर्ष नहीं चाहता है लेकिन उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि नाटो को पूर्व की ओर विस्तार नहीं करना चाहिए।
अब गेंद पश्चिमी देशों के पाले में: रूस
पुतिन ने कहा है कि रूस को इस महीने अमेरिका को सौंपे गए सुरक्षा प्रस्तावों पर आम तौर पर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली। बातचीत अगले साल की शुरुआत में जिनेवा में शुरू होगी। इस डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि नाटो को नए सदस्यों को सैन्य गठबंधन में शामिल नहीं करना चाहिए और पूर्व-सोवियत देशों में कोई सैन्य ठिकाना स्थापित नहीं करना चाहिए।
पुतिन ने कहा है कि पूर्व की ओर नाटो का विस्तार नहीं किया जाएगा। गेंद अब उनके पाले में है। उन्हें अब हमें कुछ जवाब देने की जरूरत है। हालांकि उन्होंने कहा है कि कुल मिलाक्र हम इसे एक सकारात्मक प्रतिक्रिया के तौर पर देख रहे हैं। बता दें कि वाशिंगटन ने कहा कि वह चर्चा के लिए तैयार है लेकिन उसने अभी तक मास्को के प्रस्तावों पर विस्तृत प्रतिक्रिया नहीं दी है।
रूस के लिए जीवन मृत्यु का सवाल?
यूक्रेन पर रूसी रवैए को लेकर एक्सपर्ट्स का मानना है कि रूस के पास अमेरिका, पश्चिमी देशों और यूक्रेन पर दबाव बनाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं है। यह रूस के लिए जीवन या मृत्यु जैसा सवाल है। क्रीमिया का विलय रूसी जनता के बीच लोकप्रिय साबित हुआ। लेकिन रूसी यूक्रेन के साथ पूर्ण पैमाने पर युद्ध या पश्चिम के साथ सैन्य टकराव नहीं चाहता है। कम से कम अभी के लिए तो नहीं। ऐसे में पश्चिमी देशों को रूस को सुरक्षा गारंटी देनी होगी वरना मामला बिगड़ सकता है।