हाल ही में हुए एक अध्ययन के अनुसार, मधुमेहग्रस्त लोगों को लंबी पैदल यात्रा या स्कीइंग जैसी ज्यादा ऊंचाई वाली गतिविधियों को करते समय अपने रक्त शर्करा की बारीकी से निगरानी करने की आवश्यकता हो सकती है। क्योंकि ऐसा करने से मधुमेहग्रस्त लोगों में हाइपोग्लाइसीमिया (निम्न रक्त शर्करा) का खतरा अधिक हो जाता है। हाइपोग्लाइसीमिया तब होता है, जब रक्त में शर्करा का स्तर सामान्य से नीचे चला जाता है। अध्ययन का निष्कर्ष सोसायटी के जर्नल ऑफ क्लीनिकल एंडोक्राइनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित हुआ है।
व्यायाम के कई फायदे
अध्ययन के अनुसार, डॉक्टर सामान्य तौर पर मधुमेहग्रस्त लोगों को व्यायाम की सलाह देते हैं, क्योंकि इसके कई फायदे हैं। यह हृदय स्वास्थ्य, इंसुलिन संवेदनशीलता और जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है। हालांकि, व्यायाम के दौरान और बाद में मधुमेह वाले लोगों में व्यायाम हाइपोग्लाइसीमिया का कारण बन सकता है। यदि किसी व्यक्ति का रक्त शर्करा वास्तव में कम हो जाता है, तो त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता होती है। क्योंकि ऐसे में उन्हें दौरे पड़ सकते हैं, बेहोश हो सकते हैं और जान भी जा सकती है।
बढ़ सकता है हाइपोग्लाइसीमिया का जोखिम
अध्ययन के निष्कर्षों से पता चलता है कि अधिक ऊंचाई पर पहुंचने के तुरंत बाद किया गया व्यायाम हाइपोग्लाइसीमिया के जोखिम को बढ़ा सकता है। शोधकर्ताओं ने टाइप -1 मधुमेह वाले सात लोगों का अध्ययन किया और दो इनडोर साइकिलिंग सत्रों से पहले, दौरान और बाद में उनके रक्त शर्करा के स्तर को मापा, जो समुद्र के स्तर और ऊंचाई की स्थिति को ध्यान में रखकर किया गया था। ये देखा गया कि 4200 मीटर (माउंट एवरेस्ट की लगभग आधी ऊंचाई) पर एक घंटे के व्यायाम करने वाले व्यक्ति में रक्त शर्करा का स्तर काफी कम था। इन निष्कर्षों से पता चलता है कि अधिक ऊंचाई पर व्यायाम करने से टाइप 1 मधुमेह वाले व्यक्तियों में हाइपोग्लाइसीमिया का खतरा बढ़ सकता है।