दिल्ली सरकार ने नए साल में 3 व 4 जनवरी को विधानसभा का दो दिवसीय सत्र बुलाया है। दो दिवसीय इस शीतकालीन सत्र में प्रश्नकाल का समय रखा गया है मगर एक विधायक को अधिकतम 4 से 5 सवाल पूछने की ही अनुमति दी गई है। इसके अलावा अलग-अलग मुद्दों पर भी सदन में चर्चा की जाएगी। इसके अलावा सरकार दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय का विधेयक भी सदन में रखेगी। उसपर चर्चा के बाद उसे पास किया जाएगा।
शीतकालनी सत्र में प्रश्नकाल के लिए हर विभाग के लिए प्रश्न पूछने के लिए अलग-अलग दिन निर्धारित किया गया है। इसके लिए विधायकों को 23 दिसंबर तक अपने प्रश्न विधानसभा सचिवालय में जमा कराने के लिए कह दिया गया है। सदन में अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी। उधर विपक्ष ने फिर सत्र के कम समय को लेकर सवाल उठाया है।
विपक्ष के नेताओं का कहना है कि सरकार जनता के मुद्दों को नहीं उठाना चाहती है। इसलिए एक दिन या दो दिन के लिए सदन बुलाती है। सदन का समय बढ़ाया जाना चाहिए। उधर विधानसभा की ओर से कोविड के बढ़ते मामले को देखते हुए विधायकों को इस बार 48 घंटे पुरानी कोविड जांच रिपोर्ट दिखाने का निर्देश दिया है।
इसके बाद ही सदन के अंदर प्रवेश मिलेगा। जांच की व्यवस्था विधानसभा की ओर से उपलब्ध कराया जाएगा। विधायक चाहे तो अपने स्तर पर भी जांच कराकर रिपोर्ट दिखा सकते है। सदन में बैठने की व्यवस्था पहले आओ, पहले पाओं के आधार पर होगा। सिर्फ मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष व चीफ व्हीप के बैठने की जगह निश्चित होगी।