मायागंज अस्पताल के जूनियर डॉक्टर सोमवार को अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर गये तो सुबह आठ से लेकर साढ़े नौ बजे तक मरीज इलाज के लिए तरस गये। फिर सीनियर डॉक्टरों ने जब इलाज का मोर्चा संभाला तो मरीजों को राहत मिली। हड़ताल के दौरान जूनियर डॉक्टरों ने न केवल ओपीडी एवं इंडोर सेवा, बल्कि इमरजेंसी सेवा का भी बहिष्कार किया और ओपीडी बिल्डिंग के बाहर अपनी मांगों को लेकर विरोध-प्रदर्शन भी किया।
बांका जिले के रजौन की रहने वाली 32 वर्षीय पूजा कुमारी को बीते तीन दिनों से मासिक धर्म के दौरान हाई ब्लीडिंग (अत्यधिक रक्तश्राव) हो रहा था। इसलिए उनके पति सुरेश सुबह आठ बजे ही मायागंज अस्पताल के ओपीडी बिल्डिंग में पर्ची कटाने के बाद स्त्री रोग ओपीडी के बाहर खड़े हो गये थे।
महिला ओपीडी का चैंबर बिन डॉक्टर के रहने के कारण वह साढ़े नौ बजे तक अपने पत्नी के इलाज को लेकर बहुत ही आशंकित थे, लेकिन जब महिला चिकित्सक सोमवार की सुबह साढ़े नौ बजे चैंबर में बैठीं तो उनकी जान में जान आ गयी। पूजा कुमारी की तरह करीब 80 से 90 मरीज ओपीडी में पर्ची कटाकर विभिन्न रोगों के ओपीडी में इलाज के लिए इंतजार करते बैठे रहे।
इमरजेंसी में भी मरीजों को हुई परेशानी
ठंड की मार से सांस की समस्या से जूझ रहे 57 साल के संजय मंडल को सुबह साढ़े आठ बजे इमरजेंसी में लाया गया। उन्हें ट्रॉलीमैन ने स्ट्रेचर पर लिटाकर इमरजेंसी की गैलरी में भेज दिया। उनके बेटे संदीप कुमार ने बताया कि पिता करीब आधे घंटे तक सीना पकड़कर दर्द से कराहते रहे। वह बार-बार इमरजेंसी से लेकर कंट्रोल रूम तक अपनी व्यथा सुनाते रहा, लेकिन साढ़े नौ बजे एक डॉक्टर आये और इलाज किया। इंजेक्शन लगने के आधे घंटे बाद पिताजी को थोड़ी राहत मिली।
18 ऑपरेशन हुए, 1263 मरीजों का इलाज
मायागंज अस्पताल में सीनियरों चिकित्सकों ने जब मरीजों के इलाज की कमान संभाल ली तो मरीजों का इलाज होना शुरू हो गया। ओपीडी में डॉ. हेमशंकर शर्मा, सर्जरी में डॉ. अशोक राय, हड्डी में डॉ. कन्हैया लाल आदि ने अपने सहयोगी चिकित्सकों के साथ बैठे और इलाज किया। सोमवार को ओपीडी में दोपहर बाद एक बजे तक 1263 मरीजों का इलाज हो चुका था। वहीं मायागंज अस्पताल के सर्जरी विभाग में 10 व हड्डी रोग विभाग में 8 (कुल 18) मरीजों का ऑपरेशन किया गया। जबकि इमरजेंसी में 65 मरीज इलाज के लिए भर्ती हुए।
सुबह 11 से दोपहर एक बजे तक चला प्रदर्शन
अपनी मांगों को लेकर जूनियर डॉक्टरों ने सोमवार सुबह 11 से लेकर दोपहर एक बजे तक धरना-प्रदर्शन किया। इस मौके पर जेडीए, जेएलएनएमसीएच के अध्यक्ष डॉ. धीरज कुमार ने कहा कि हम कोरोना की दूसरी लहर में ड्यूटी करने वाले इंटर्न व पीजी छात्रों को प्रोत्साहन राशि देने, इंटर्न का मानदेय बढ़ाये जाने, स्टडी लीव व उच्च शिक्षा लेने वाले चिकित्सकों को पीजी बांड से मुक्त करने, नीट पीजी की काउंसिलिंग को लेकर केंद्र से वार्ता करने व नॉन एकेडमिक जूनियर रेजीडेंट को बहाल करने की मांग को लेकर कार्य बहिष्कार कर रहे हैं। जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती है, तब तक हम कार्य बहिष्कार करते रहेंगे। विरोध प्रदर्शन के मौके पर डॉ. दिनेश पासवान, डॉ. मोहत्तसिम अहमद, डॉ. घनश्याम कुमार आदि की मौजूदगी रही।