केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने की तैयारी में है। इसको लेकर सदन में जल्द ही विधेयक भी ला सकती है। सरकार के इस फैसले के बाद मेवात इलाके में हड़कंप मचा हुआ है। 18 साल की सफीना अहमद (बदला हुआ नाम) की कहानी इसकी गवाही दे रही है।सफीना अपने कॉलेज में क्रिसमस सेलिब्रेशन के लिए एक परफेक्ट सलवार-कमीज खरीद रही थी। उसे क्या पता था कि इसके बजाय उसे एक शादी “शरारा” चुननी होगी। उसने कहा, “जब मैं पांच साल की थी, तब मुझे पता था कि मेरा पति कौन होगा। वह मेरी चाची का रिश्तेदार है। मैं उसकी तुलना में अधिक उदार और शिक्षित परिवार से हूं। अपने परिवार में दिल्ली विश्वविद्यालय जाने वाला पहला व्यक्ति हूं।”
खरीदने गई थी सलवार-कमीज, खरीदना पड़ा गरारा
आगे उन्होंने कहा, ”मुझे हॉस्टल में रहने दिया गया और शादी के बारे में कभी बात नहीं की गई। हालांकि शुक्रवार को जब मैं अपनी मां के साथ खरीदारी करने के लिए निकली थी, तो मेरे पिता ने फोन किया और अचानक मेरी मां ने सलवार-कमीज़ अलग रख दी और दुल्हन के गरारा की तलाश शुरू कर दी।”
नए संभावित कानून से जल्दबाजी में कई परिवार
फिरोजपुर झिरका की किशोरी कहती है, “मैं चौंक गई। जब हम घर पहुंचे, तो मुझे बताया गया कि महिलाओं की शादी की उम्र 21 साल करने के लिए एक नया कानून बनाया जा रहा है। मेरा परिवार जल्दी में मेरी शादी कराना चाहता है। उन्हें इस बात का डर है कि लड़का और उसका परिवार 3 साल और इंतजार नहीं करेगा। शादी अब सोमवार के लिए तय की गई है।” सफीना की कहानी अकेली नहीं है। महिलाओं की शादी की उम्र बढ़ाने वाले विधेयक को सरकार की मंजूरी ने मुस्लिम बहुल मेवात क्षेत्र, विशेष रूप से नूंह जिले में कई लोगों को परेशान कर दिया है। यहां आमतौर पर लड़कियों की शादी जल्दी कर दी जाती है। नूंह देश के सबसे पिछड़े जिलों में से एक है।
इस सप्ताह नूह में हुईं सैकड़ों शादियां
इस क्षेत्र में 18 से 20 वर्ष की आयु की लड़कियों की इस सप्ताह के अंत में सैकड़ों शादियां हुईं। नूह के एक इमाम मुश्ताक कहते हैं, “मेरे पास ऐसे दूल्हों के आवेदन काफी हैं, जो दो दिनों के भीतर शादी करने के लिए तैयार हैं। हम नमाज के दौरान ये घोषणाएं कर रहे हैं।”
विवाह योग्य उम्र बढ़ाने के लिए हरियाणा में अभियान की अगुवाई करने वाले सुनील जगलान ने कहा, “विडंबना यह है कि नूंह की लड़कियों ने विवाह योग्य आयु में वृद्धि की मांग को लेकर एक अभियान में सक्रिय रूप से भाग लिया था। माता-पिता को अपनी लड़कियों को विवाह के लिए भागता हुआ देख, हम चाहते हैं कि इस तरह के विवाहों का पंजीकरण कानून पारित होने तक रोक दिया जाए।” गुरुवार को सरकार की घोषणा के बाद से कोर्ट मैरिज में भी तेजी आई है। गुरुग्राम में कोर्ट मैरिज करने वाले अंतर्जातीय जोड़ों की संख्या सप्ताहांत में 4 गुना बढ़ गई। दो स्थानीय वकीलों ने इसका खुलासा किया।