बच्चों को दी जाने वाली एक कफ सीरप दवा डेक्सट्रोमेथोर्फेन से हुई पॉइजनिंग की वजह से 16 बच्चे बीमार हो गए थे और तीन बच्चों की मौत हो गई थी। इन बच्चों को मोहल्ला क्लीनिकों में एक कम्पनी की डेक्सट्रोमेथोर्फेन दवा दी गयी थी जिसका इस्तेमाल बच्चों पर नहीं करना चाहिए। केंद्र सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक को भेजे गए एक पत्र में यह बात कही है। केंद्र के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक की ओर से लिखे गए इस पत्र में यह भी कहा गया है कि दिल्ली सरकार जनता के हित को देखते हुए एक कम्पनी द्वारा बनाई गई डेक्सट्रोमेथोर्फेन दवा का इस्तेमाल न करे और इसे चलन से वापस ले लें।
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक ने अपने पत्र में यह भी सुझाव दिया है कि दिल्ली का स्वास्थ्य विभाग अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी मोहल्ला क्लीनिक और डिस्पेंसरी को नोटिस भेज दे कि चार साल से कम उम्र के बच्चों को यह दवा न दी जाए। केंद्र के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक की ओर से 7 दिसम्बर को भेजे गए इस पत्र की कॉपी आपके अखबार हिन्दुस्तान के पास भी है।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने की दवा की जांच
केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक ने दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग को लिखे पत्र में कहा है कि यह डेक्सट्रोमेथोर्फेन दवा ओमेगा फार्मास्युटिकल कम्पनी ने बनाई थी। दवा से हुई पॉइजनिंग के बाद इसकी केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सी डी एस सी ओ) से जांच कराई गई। इसकी जांच रिपोर्ट भी दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग को भेजी गई है। इस जांच रिपोर्ट के साथ ही महानिदेशक ने चार साल से छोटे बच्चों को यह दवा न देने और उस कम्पनी की दवा को वापस लेने के लिए कहा है।
कलावती सरन अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया कि इसी साल जुलाई में अचानक मोहल्ला क्लीनिकों से बच्चे उल्टी, बुखार और दस्त की समस्या के साथ अस्पताल की इमरजेंसी में आने लगे थे। वे हैरान थे कि अचानक हर दिन बच्चे बीमार होकर अस्पताल पहुंच रहे थे। इस दौरान तीन बच्चों की मौत भी हो गयी और 16 बच्चे भर्ती किए गए। डॉक्टर ने बताया कि ये बच्चों को सामान्य तौर पर खांसी जुकाम के बाद दी जाने वाली दवा डेक्सट्रोमेथोर्फेन से हुई पॉइजनिंग के बाद अस्पताल आए थे। इन्हें इससे बचाने के लिये नेलोक्सेन दवा का इस्तेमाल किया गया था।
डेक्सट्रोमेथोर्फेन खांसी के एक असरदार दवा है लेकिन 6 साल या इससे कम उम्र के बच्चों को यह दवा नहीं दी जानी चाहिए। कई बार खांसी की दवाएं जिनमें डेक्सट्रोमेथोर्फेन होता है, वे एंटी एलर्जिक दवाओं के साथ मिलकर साइड इफेक्ट पैदा कर सकती है। छह साल से कम उम्र के बच्चों को यह दवा बिल्कुल न दें