राजस्थान में कोटा की एक अदालत ने शनिवार को नौ दिनों तक 15 साल की बच्ची के साथ बार-बार बलात्कार के मामले में 13 लोगों को 20-20 साल और दो अन्य लोगों को चार-चार साल की सजा सुनाई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अशोक चौधरी ने पोक्सो अधिनियम के तहत गठित एक विशेष अदालत का नेतृत्व करते हुए एक महिला को भी चार साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
यह महिला बच्ची का घर से अपहरण कर उसे झालावाड़ ले गई थी, जहां उसने उसे बेच दिया था। अदालत ने 16 लोगों को सजा सुनाते हुए कथित रूप से अपराध में शामिल 12 अन्य लोगों को बरी कर दिया। इस केस में चार नाबालिग भी शामिल हैं जो कि स्थानीय किशोर न्याय बोर्ड में अलग से मुकदमे का सामना कर रहे हैं।
एएसजे चौधरी ने दोषियों को सजा सुनाते हुए 20 साल की सजा पाने वालों में से प्रत्येक पर 10-10 हजार रुपए और चार साल की सजा पाने वालों पर 7,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट ने मात्र नौ महीने में ही इस मामले सजा सुना दिया है। किशोरी के सामूहिक दुष्कर्म मामले में इस साल छह मार्च को सुकेत थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
अभियोजन पक्ष के वकील प्रेम नारायण नामदेव ने कहा कि मामले की जांच पूरी करने के बाद, कोटा पुलिस ने 7 मई को अदालत में 1750 पन्नों का आरोप पत्र पेश किया, जिसके बाद मुकदमें में तेजी आई और शनिवार को फैसला आ गया।