रोहिणी अदालत में हुए ब्लास्ट मामले की जांच में जुटी स्पेशल सेल की तीन सौ पुलिसकर्मियों की नौ टीमों ने नौ दिनों तक जांच के बाद मामले का खुलासा किया। ब्लास्ट मामले में केंद्रीय संस्था डीआरडीओ में लेजर साइंस एंड टेक्नोलॉजी सेंटर में बतौर साइंटिस्ट तैनात आरोपी तक पहुंचने के लिए इन टीमों ने कोर्ट रूम के एंट्री रजिस्टर से लेकर करीब अलग-अलग करीब दर्जन भर से ज्यादा पहलुओं की बारीकी से जांच की और भारत भूषण कटारिया तक पहुंची। जांच में आरोपी तक पहुंचने के लिए जिन पांच बिंदुओं से पुलिस को सुराग मिले आइए जानते हैं उसके बारे में—
एक- एंट्री रजिस्टर
एंट्री रजिस्टर की जांच के दौरान पता चला कि उस दिन कुल 70 से ज्यादा मुकदमे लगे हैं। इनमें से एक मुकदमे में वहां मौजूद वकील और उसके विरोधी इस साइंटिस्ट भारत भूषण कटारिया के बीच के विवाद का पता चला। जांच का यह एक ऐसा महत्वपूर्ण प्वाइंट था, जिसके आधार पर पुलिस ने अपनी तफ्तीश को आगे बढ़ाना शुरू किया और कहानी को सुलझाने में उसे सफलता मिली।
दो- काले रंग का बैग
जिस काले रंग के बैग में बम रखा गया था, उसके ‘लोगों’ ने जांच में बेहद अहम भूमिका निभाई। कमिश्नर ने बताया कि ‘लोगों’ की जांच से बैग की कंपनी के मुंबई में होने का खुलासा हुआ और इस संपनी में साइंटिस्ट के एक रिश्तेदार के काम करने की जानकारी मिली। यह भी पता चला कि इस कंपनी की तरफ से किन-किन लोगों को बैग दिया गया था। यह एक बड़ा सुराग था, जिसके आधार पर जांच आगे बढ़ी और साइंटिस्ट तक पहुंचने में कामयाबी मिली।
तीन- सीसीटीवी फुटेज
तीसरा महत्वपूर्ण सुराग सीसीटीवी से मिला। जी हां पहले-दूसरे सुराग का पता चलने के दौरान ही सीसीटीवी फुटेज खंगालने के दौरान फुटेज में भी यह साइंटिस्ट दिखाई दिया। गेट नंबर-7 से वह दो बैग लेकर एंट्री करते हुए देखा गया। बैग उसने अंदर रख दिया और फिर इसी गेट से बाहर निकला। इसके बाद वह दोबारा अंदर घुसा और एक बैग लेकर उसने कोर्ट रूम में उसे वकील के ठीक पीछे रखा और वहां से निकल गया। उसकी एंट्री 9.33 पर हुई जबकि एग्जिट 10.35 पर।
चार- डंप डाटा
डंप डाटा की जांच के दौरान घटनास्थल के पास के टावर से लिंक नंबरों की जांच की गई और फिर उसका विश्लेषण करने के बाद संदिग्ध नंबरों की जांच करके भी सुराग तलाशे गए। नंबर की लोकेशन व टाइमिंग भी जांच का एक महत्वपूर्ण आधार बना।
पांच- बम मैटीरियल
पांचवा सुराग मौके से बरामद बम के मैटीरियल जो छापेमारी के दौरान साइंटिस्ट के घर में भी मिले। इस आधार पर यह साफ हो गया कि बम तैयार करने के लिए उसने जो सामान खरीद कर घर में एकत्र किया था, वहीं सामान कोर्ट में हुए ब्लास्ट में भी इस्तेमाल किए गए थे। इसके बाद पुलिस ने उसे इन पांचा आधारों पर एकत्र साक्ष्य के बाद दबोच लिया।