निजीकरण के विरोध में बैंक कर्मचारी दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे। इससे बैंकों में लेन-देन काफी हद तक प्रभावित रहा। आज से बैंक खुलने जा रहे हैं मगर कल यानी रविवार को अवकाश है। ऐसे में शनिवार को बैंकों में भारी भीड़ रहने की संभावना है। दो दिन की हड़ताल के चलते कुछ इलाकों में एटीएम सेवा भी प्रभावित रही, जिससे सामान्य कामकाज पर भी असर पड़ा।
हालांकि कुछ एग्जीक्यूटिव ब्रांच में बैंकिंग सेवाएं बहाल रहीं लेकिन काफी हद तक बैंक सेवाएं प्रभावित होने से डिमांड ड्रॉफ्ट, बैंकिंग से कैश निकासी और जमा करने से लेकर लोन की स्वीकृति तक के काम ठप रहे। उधर, यूनाइटेट फोरम ऑफ बैंक यूनियन की तरफ से कहा गया कि अगर सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है तो आगे बड़ा आंदोलन चलाया जाएगा।
वहीं दो दिनों की हड़ताल से दिल्ली की 30 हजार से अधिक बैंक शाखाओं में लेन-देन काफी हद तक प्रभावित रहा है। केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र में बैंकिंग संशोधन बिल 2021 पेश करने जा रही है, जिससे दो बैंकों का निजीकरण किया जा रहा है। बैंक यूनियनों का आरोप है कि सरकार धीरे-धीरे सभी बैंकों का निजीकरण करेगी। जबकि पुराना अनुभव बताता है कि बीते 10 वर्षों में देश के अंदर 25 से अधिक निजी बैंक बंद हो चुके हैं।
निजीकरण होने का सीधा मतलब है कि नौकरी से लेकर तमाम सारी व्यवस्था निजी हाथों में होगी। जबकि निजी बैंक आम ग्राहकों को उनकी बड़ी गारंटी के साथ बैंकिंग सुविधाएं मुहैया नहीं करते हैं, जितनी की सरकारी बैंक। सेविंग अकाउंट से लेकर अन्य एफडी पर निजी बैंकों के मुकाबले अधिक ब्याज दिया जाता है।
विधेयक के जरिए सरकार सिर्फ अपने हितों को साधना चाहती है। एसबीआई के प्रवीण छाबड़ा कहते हैं कि सरकार धीरे-धीरे निजीकरण की तरफ बढ़ रही है। इससे बैंक व्यवस्था को नुकसान पहुंचेगा। वॉयस ऑफ बैंकिंग के फाउंडर अश्वनी राणा का कहना है कि दो दिन की हड़ताल से फर्क नहीं पड़ना है। बल्कि अब बैंकिंग यूनियन नए सिरे से आंदोलन की रुपरेखा तैयार कर रही है। अब आंदोलन को पहले की तुलना में व्यापक करने की तैयारी है।
आज शाखाओं पर रहेगा दबाव
माना जा रहा है कि बैंक खुलेंगे लेकिन शनिवार को रुके हुए काम ही बैंक निपटाएंगे, जिससे बैंकों में भारी दबाव रहने की संभावना है। इसलिए बैंक जा रहे हैं तो थोड़ा बैंकों में भीड़ की स्थिति को देख लें। चेक क्लीयरेंस से लेकर डिमांड ड्राफ्ट बनाने और उनका भुगतान करने तक का काम बैंकों के पास ज्यादा रहेगा।