शनिवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और अमेठी के पूर्व सांसद राहुल गांधी अपनी बहन व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ एक दिवसीय दौरे पर अमेठी आ रहे हैं। यहां वह भाजपा सरकार को हटाने के लिए महंगाई हटाओ कांग्रेस प्रतिज्ञा पदयात्रा में शामिल होंगे। राहुल और प्रियंका का अमेठी दौरा जिले के कांग्रेसियों के लिए संजीवनी साबित हो सकता है।
राहुल के कार्यक्रम को सफल व भव्य बनाने के लिए जिला कांग्रेस कमेटी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। अमेठी को कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है। यहां गांधी परिवार को सिर्फ दो बार ही पराजय का सामना करना पड़ा था। पहली बार अमेठी को कर्मभूमि बनाने के लिए आए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के छोटे पुत्र संजय गांधी को पहले चुनाव में सफलता नहीं मिली थी।
वहीं आम चुनाव 2019 में तीन बार से अमेठी के सांसद रहे राहुल गांधी को भी स्मृति ईरानी के हाथों पराजय झेलनी पड़ी लेकिन अमेठी में पहले की तरह अब भी गांधी परिवार के प्रति अपनत्व व प्रेम की भावना बनी हुई है। वहीं राहुल गांधी ने भी अमेठी को अपने परिवार की तरह मानते हुए कोरोना काल में राशन, मास्क, सैनेटाइजर के साथ ही दवाएं व ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर उपलब्ध कराकर परिवारिक रिश्तों को मजबूती प्रदान करने की कोशिश की।
अब कांग्रेस यूपी के आगामी विधानसभा चुनाव में प्रियंका गांधी के नेतृत्व में अपना स्थान बनाने के लिए संघर्ष कर रही है, ऐसे में राहुल गांधी ने अपनी और अपने परिवार की कर्मभूमि अमेठी में शनिवार को प्रतिज्ञा पदयात्रा में शामिल होने की स्वीकृति देकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में ऊर्जा भरने की कोशिश की है।
कांग्रेस पदाधिकारी व कार्यकर्ता जुटे
राहुल व प्रियंका गांधी को 18 दिसंबर को जगदीशपुर से हारीमऊ तक लगभग छह किमी तक भाजपा भगाओ, मंहगाई हटाओ प्रतिज्ञा पदयात्रा में शामिल होना है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंघल के निर्देश पर जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों से दस हजार से अधिक कार्यकर्ता पदयात्रा में शामिल होने की बात कही जा रही है। गुरुवार को अमेठी में कांग्रेस प्रवक्ता डा. अरविंद चतुर्वेदी व डा. नरेंद्र मिश्र के नेतृत्व में यात्रा का प्रचार प्रसार किया गया। इसके साथ ही बैनर व पोस्टर के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को पदयात्रा में शामिल होने की अपील की गई।