यमुना प्राधिकरण की औद्योगिक भूखंडों की योजना का फर्जी विज्ञापन सोशल मीडिया पर डालने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पकड़ा गया आरोपी एक रियल स्टेट कंपनी का एसोसिएट डायरेक्टर है। उसने लोगों को अपने जाल में फंसाकर मोटा मुनाफा कमाने के लिए फर्जी विज्ञापन सोशल मीडिया पर डाला था, लेकिन प्राधिकरण की सजगता के चलते आरोपी अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सका।
ग्रेटर नोएडा की सेक्टर बीटा-2 कोतवाली प्रभारी अनिल कुमार राजपूत ने बताया कि एक दिसंबर को सोशल मीडिया पर यमुना प्राधिकरण का एक फर्जी विज्ञापन डाला गया था, जिसमें औद्योगिक भूखंडों की योजना लॉन्च करते हुए न्यूनतम 95 लाख रुपये से करोड़ों रुपये के प्लॉट उपलब्ध कराने का दावा किया गया था।
आरोपी ने यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-29 और 32 में 450, 595, 800, 1000, 2000 व 4000 वर्ग मीटर तक के प्लॉट उपलब्ध होने का दावा किया था। विज्ञापन में एक फोन नंबर 9711447279 भी दिया गया था, जिस पर संपर्क करने के लिए कहा गया था।
इस विज्ञापन को देखकर यमुना प्राधिकरण की तरफ से बीटा दो कोतवाली में आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया था। इस मामले की जांच करते हुए पुलिस ने विज्ञापन में दिए गए नंबर को ट्रेस कर आरोपी की पहचान की और उसे गिरफ्तार कर लिया।
पकड़ा गया आरोपी मनोज शर्मा मूलरूप से मुंबई का रहने वाला है। फिलहाल वह गाजियाबाद इंदिरापुरम की साया जेनिथ सोसाइटी में रह रहा था। आरोपी मनोज शर्मा नोएडा की एक रियल एस्टेट कंपनी में एसोसिएट डायरेक्टर के पद पर कार्यरत है। पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि उसने अपने एक साथी से यह विज्ञापन सोशल मीडिया पर डलवाया था।