टीईटी पर्चा लीक मामले में गिरफ्तार आरोपियों पर शिकंजा और कसना शुरू कर दिया गया है। इसी कड़ी में 12 जिलों से गिरफ्तार 46 आरोपियों की सम्पत्ति का ब्योरा खंगालना शुरू कर दिया गया है। ऐसी कार्रवाई पहली बार एसटीएफ स्तर से हो रही है। हालांकि ब्योरा खंगालने के बाद आगे की कार्रवाई सम्बन्धित थानों की पुलिस ही करेगी। इसके साथ ही आरोपियों पर गैंगस्टर की संस्तुति करने की कवायद भी शुरू कर दी गई है। इसके लिये भी कानूनी औपचारिकतायें पूरी की जा रही है।
28 नवम्बर को टीईटी का पर्चा लीक होने के बाद यह परीक्षा निरस्त कर दी गई थी। उस दिन अलग-अलग जिलों से 14 आरोपी गिरफ्तार किये गये थे। इन लोगों से मिली जानकारी के बाद ही बड़ी गिरफ्तारी के रूप में परीक्षा नियामक प्राधिकरण के सचिव संजय उपाध्याय और छपाई का ठेका लेने वाले राय अनूप प्रसाद को भी पकड़ लिया गया था। इसके बाद साल्वर, गिरोह के अन्य सदस्यों की ताबड़तोड़ गिरफ्तारी की गई थी। कई आरोपी अभी भी रडार पर है। पर्चा लीक होने के बाद ही सीएम ने आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर व रासुका के तहत कार्रवाई करने के लिये कहा था। इसी दौरान आरोपियों की सम्पत्ति भी जब्त करने को कहा गया था। अब इसी कड़ी में पूरे प्रकरण की जांच कर रही एसटीएफ ने पहले मुख्य आरोपियों की सम्पत्ति का ब्योरा तैयार करना शुरू कर दिया है। इस दौरान लखनऊ, शाहजहांपुर, नोएडा, बागपत, अलीगढ़, बरेली, सीतापुर, मुरादाबाद, शामली समेत 12 जिलों से टीमें पड़ताल कर रही है।
शरणदाता भी नजर में
एसटीएफ की एक टीम इस मामले में साल्वर और अन्य आरोपियों को शरण दिलाने वाले लोगों पर भी नजर रखे हुये हैं। इनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जानी है। एक पुलिसकर्मी के अलावा सचिवालय का एक संविदा कर्मचारी भी रडार पर है। इनके खिलाफ काफी तथ्य जुटा लिये गये हैं। दावा किया जा रहा है कि कुछ और सुबूत हाथ लगते ही दो लोगों की गिरफ्तारी कर ली जायेगी।